Bhartiya Shikshanshala

अध्ययन के उद्देश्य तथा अध्ययन के प्रकार|in hindi

अध्ययन के उद्देश्य तथा अध्ययन के प्रकार|in hindi

अध्ययन के उद्देश्य (Objectives of study)

क्रो व क्रो के अनुसार – “अध्ययन, अधिगम के लिए आवश्यक और विद्यालय-जीवन के लिए अनिवार्य है।”

इस विचार के आधार पर ‘क्रो व क्रो ने अध्ययन के तीन मुख्य उद्‌देश्य या प्रयोजन बताए हैं-

  • छात्र के विचारों का विकास करना– अध्ययन के द्वारा छात्र नए ज्ञान को अर्जित करता है जिसके कारण छात्र के विचारों का विकास होता है।
  • छात्र की कुशलताओं का विकास तथा उसमें उन्नति करना – सभी छात्रों में जन्म से ही कोई न कोई कुशलता होती है. लेकिन अध्ययन के द्वारा वह नयी कुशलताओं को सीखता तथा उसमें उन्नति भी करता है।
  • छात्र में नवीन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता का विकास करना – छात्र को ऐसे ज्ञान को प्राप्त करने और ऐसी आदतों का निर्माण करने में सहायता देना, जो उसे नवीन परिस्थितियों को सामना करने, नवीन विचारों का निर्माण करने एवं उनकी व्याख्या करने, आवश्यक निर्णयों को करने और अपने जीवन को सामान्य रूप से सफल एवं सम्पन्न बनाने की क्षमता प्रदान करें।

अन्त में क्रो व क्रो ने लिखा है-

अध्ययन के प्रकार (Types of study)

ली के अनुसार, अध्ययन मुख्यतः निम्नलिखित 3 प्रकार का होता है

  1. विधिवत् नियंत्रित अध्ययन (Formally supervised Study)
  2. स्वतन्त्र अध्ययन (Independent Study)
  3. घर पर किया जाने वाले अध्ययन (Home Study)

हम इसी क्रम में इन तीनों प्रकार के अध्ययन का वर्णन कर रहे हैं-

1. विधिवत् नियंत्रित अध्ययन (Formally supervised Study)

इस अध्ययन का स्थान साधारणतया विद्यालय का कोई कक्ष होता है। कक्ष में छात्रों का एक समूह, शिक्षक के निरीक्षण में अध्ययन करता है। शिक्षक से 5 बातों की आशा की जाती है-

  1. शिक्षक, छात्रों को अध्ययन की प्रभावशाली विधियों का ज्ञान प्रदान करे।
  2. शिक्षक, छात्रों की अध्ययन संबंधी कमियों व कठिनाइयों को जाने, तथा उनका निवारण करे।
  3. शिक्षक, छात्रों को अपनी अध्ययन सम्बंधी विशिष्ट व सामान्य समस्याओं का समाधान करने में सहायता करे।
  4. शिक्षक, छात्रों की विशेष योग्यताओं की जानकारी प्राप्त करके, उनकी अध्ययन – सम्बंधी योग्यताओं में उन्नति करने की चेष्टा करें।
  5. शिक्षक समस्त छात्रों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर, उनको आवश्यक परामर्श दे और उनका पथ – प्रदर्शन भी करे।

उपर्युक्त अध्ययन का मुख्य उद्‌देश्य बताते हुए ली ने लिखा है-

2. स्वतन्त्र अध्ययन (Independent Study)

यह अध्ययन, शिक्षक के निर्देशन में प्रत्येक छात्र द्वारा विद्यालय के विभिन्न स्थानों पर किया जाता है। ट्रम्प रिपोर्ट में स्वतंत्र अध्ययन के स्वरुप पर अग्रलिखित शब्दों में प्रकाश डाला गया है-

विलियम एच. बरटन ने स्वतन्त्र अध्ययन और विधिवत् नियंत्रित अध्ययन की उपयोगिता को इस प्रकार व्यक्त किया है

3. घर पर किया जाने वाले अध्ययन (Home Study)

यह अध्ययन छात्रों द्वारा साधारणतया अपने घरों पर किया जाता है। ली (Lee) तथा स्ट्रेंग (Strang) ने अध्ययन के 5 प्रमुख उद्‌देश्य बताए हैं जो निम्नलिखित है-

  1. छात्रों के वांछित प्रयास, स्वतंत्रता, पहलकदमी, उत्तरदायित्व एवं स्व-निर्देशन को प्रोत्साहित करना।
  2. छात्रों को विद्यालय की उचित क्रियाओं को स्थायी रुचियों में परिवर्तित करने के लिए उत्साहित करना।
  3. छात्र के विद्यालय के अनुभवों को गृहकार्यों से संबंधित करके, उन अनुभवों की वृद्धि करना।
  4. छात्र द्वारा विद्यालय में सीखी जाने वाली बातों को पुनः बल प्रदान करना।
  5. छात्र द्वारा विद्यालय में सीखी जाने वाली बातों को वास्तविक जीवन से सम्बंधित करना।
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