NCERT कक्षा 7 की हिंदी पाठ्य पुस्तक "वसंत भाग 2"
पाठ - 5 क्या निराश हुआ जाए
- अभ्यास कार्य
NCERT की कक्षा 8 की हिंदी विषय की किताब “वसंत (VIII)” के सभी पाठों की कहानियों तथा कविताओं के अभ्यास कार्यों का वर्णन करेंगे और उसके प्रश्नों का उत्तर देंगे।
हम “क्या निराश हुआ जाए” पाठ का अध्ययन करने के बाद इससे सम्बंधित कुछ प्रश्नों को निकालेंगे और उनके उत्तर का वर्णन करेंगे।
क्या निराश हुआ जाए - प्रश्न-अभ्यास NCERT
आपके विचार से
1. लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं है। आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?
उत्तर- लेखक कि इस बात का कारण यह था कि उन्होंने भी धोखा खाया है उन्हें भी ठगा गया है परंतु बहुत कम स्थलों पर विश्वासघात नाम की चीज मिलती है। उनका मानना था कि अगर वह उन बातों को ही याद रखेंगे जिसमें उन्होंने धोखा खाया है तो उनका जीवन कष्टकारी हो जाएगा। लेकिन ऐसी घटनाएँ भी बहुत कम नहीं हैं जब लोगों ने अकारण ही उनकी सहायता की, निराश मन को ढांढस दिया और हिम्मत बंधाई है।
उनके साथ की कुछ घटनायें हैं जैसे टिकट बाबू द्वारा बचे हुए पैसे लेखक को लौटाना, बस कंडक्टर द्वारा दूसरी बस व बच्चों के लिए दूध लाना आदि।
2. समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और टेलीविजन पर आपने ऐसी अनेक घटनाएँ देखी-सुनी होंगी जिनमें लोगों ने बिना किसी लालच के दूसरों की सहायता की हो या ईमानदारी से काम किया हो। ऐसे समाचार तथा लेख एकत्रित करें और कम-से-कम दो घटनाओं पर अपनी टिप्पणी लिखें।
उत्तर– समाचार पत्रों में ऐसी कई घटनाएं होती हैं जिनको गलत तरीके से पेश करने से उससे जुड़े लोगों को समस्याएं हो सकती हैं इसलिए हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए। जब ऐसी खबरें छपती हैं जिनमें दोनों पक्षों की बातों को जाने बिना सामने प्रस्तुत किया जाता है तो भी हानि पहुंचती है।
3. लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं में रेलवे के टिकट बाबू और बस कंडक्टर की अच्छाई और ईमानदारी की बात बताई है। आप भी अपने या अपने किसी परिचित के साथ हुई किसी घटना के बारे में बताइए जिसमें किसी ने बिना किसी स्वार्थ के भलाई, ईमानदारी और अच्छाई के कार्य किए हों।
उत्तर– ऐसी कई खबरें होती है जिनके बारे में ईमानदारी से लिखे जाने पर उससे कई लोगों को फायदा पहुंचता है और आसपास के लोग भी जागरूक होते हैं। इसलिए हमें बिना किसी स्वार्थ के भलाई, ईमानदारी और अच्छाई के कार्य करने चाहिए। छात्र अपनी घटनाओं को यहाँ लिख सकते हैं।
पर्दाफाश
1. दोषों का पर्दाफाश करना कब बुरा रूप ले सकता है?
उत्तर– दोषों का पर्दाफाश करना तब बुरा रूप ले सकता है जब उसे गलत तरह से लोगों के सामने प्रस्तुत किया जाए और उससे उन्हें नुकसान हो।
कारण बताइए
निम्नलिखित के संभावित परिणाम क्या-क्या हो सकते हैं? आपस में चर्चा कीजिए, जैसे-“ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है।” परिणाम-भ्रष्टाचार बढ़गा।
1. “सचाई केवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है।”….
2. “झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।”……
3. “हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है. गुणी कम।”…..
उत्तर– “सच्चाई केवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है। – तानाशाही बढ़ रही है।
2. “झूठ और फरेब का रोजगार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।” – भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।
3. “हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।”- अविश्वास बढ़ रहा है।
सार्थक शीर्षक
1. लेखक ने लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ क्यों रखा होगा? क्या आप इससे भी बेहतर शीर्षक सुझा सकते हैं?
उत्तर– लेखक ने इस लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए रखा है लेकिन मैं इसका शीर्षक ‘निराश क्यों होना।‘ रख सकता हूँ। इसका अन्य शीर्षक ‘निराशा से आशा की ओर‘ भी रख सकते हैं।
2. यदि ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद कोई विराम चिह्न लगाने के लिए कहा जाए तो आप दिए गए चिह्नों में से कौन सा चिह्न लगाएँगे? अपने चुनाव का कारण भी बताइए। -,।.!?.;-….
“आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” क्या आप इस बात से सहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर– आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” इस कथन से मैं पूरी तरह सहमत हूँ क्योंकि व्यक्ति जब आदर्शों की राह पर चलता है तब उसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ओर उसे सभी असामाजिक तत्वों का सामना अकेले ही करना पड़ता है।
भाषा की बात
1. दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है- द्वंद्व समास। इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे-चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरु-बेबस। दिन और रात = दिन-रात।
‘और’ के साथ आए शब्दों के जोड़े को ‘और’ हटाकर (-) योजक चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है। द्वंद्व समास के बारह उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर-
- सुख और दुख = सुख-दुख
- मम्मी और पापा = मम्मी-पापा
- भूख और प्यास = भूख-प्यास
- हँसना और रोना = हँसना-रोना
- राजा और रानी = राजा-रानी
- चाचा और चाची = चाचा-चाची
- सच्चा और झूठा = सच्चा-झूठा
- पाप और पुण्य = पाप-पुण्य
- स्त्री और पुरुष = स्त्री-पुरुष
- राम और सीता = राम-सीता
- आना और जाना = आना-जाना
- खाना और पीना = खाना-पीना
2. पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाओं के उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर–
- जातिवाचक संज्ञा- बस, कंडक्टर, द्रविड़, पति, पत्नी।
- भाववाचक संज्ञा– सच्चाई, झूठ, चोर, डकैत।
- व्यक्तिवाचक संज्ञा– मनुष्य, शहर, पक्षी।


