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सीखने (learning) का अर्थ तथा परिभाषाए |B.Ed | in hindi

सीखने (learning) का अर्थ तथा परिभाषाए |B.Ed | in hindi

सीखने का अर्थ (The meaning of learning)

सीखना एक व्यापक शब्द है। सीखना जन्मजात प्रतिक्रियाओं पर आधारित होता है। प्रत्येक व्यक्ति नित्यप्रति अपने जीवन में नए अनुभव एकत्र करता रहता है। ये नवीन अनुभव व्यक्ति के व्यवहार में वृद्धि तथा संशोधन करते हैं इसलिए ये अनुभव तथा इनका उपयोग ही सीखना या अधिगम करना कहलाता है।

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार सीखना एक मानसिक प्रक्रिया हैं। मानसिक प्रक्रिया की अभिव्यक्ति व्यवहारों के द्वारा होती है। मानव व्यावहार अनुभवों के आधार पर परिवर्तित और परिमार्जित होता रहता है। जैसे- जब एक बच्चा जलती हुई मोमबती को छूता है तो तुरंत अपनी उँगलियाँ हटा लेता है क्यों कि उसकी उँगली जलने लगती है। इस प्रकार वह जलती मोमबत्ती तथा अन्य जलती हुई वस्तुओं को देखकर उनसे दूर जाने लगता है अर्थात् इस प्रकार हम कह सकते हैं कि एक व्यक्ति या बालक का व्यवहार उसके पूर्व अनुभवों के द्वारा परिवर्तित हो जाता है। अतः व्यवहार में आए इस परिवर्तन को सीखना या अधिगम कहा जाता है।

शिक्षा की प्रक्रिया में अधिगम की केन्द्रिय भूमिका होती है। हमारी शिक्षा-प्रणाली में व्याप्त है उससे अभिप्राय है – छात्रों को सीखना। सीखने की प्रक्रिया मे दो तत्व निहित होते हैं- परिपक्वता और पूर्व अनुभवों से लाभ उठाने की योग्यता

इसके आधार पर सीखने की प्रक्रिया की दो प्रमुख विशेषताएँ होती हैं- निरन्तरता और सार्वभौमिकता। यह प्रक्रिया सर्वत्र और सदैव चलती रहती है। उसकी सीखने की प्रक्रिया में विराम और अस्थिरता की अवस्था कभी नहीं आती है। हाँ कभी उसकी गति तीव्र होती है तथा कभी धीमी हो जाती है। इसके अलावा मानव के सीखने का कोई निश्चित स्थान या समय नहीं होता है। इस प्रकार वह आजीवन सीखता हुआ और इसके फलस्वरुप अपने व्यवहार में परिवर्तन करता हुआ, जीवन में आगे बढ़ता जाता है। इसलिए,-

सीखने की परिभाषाएँ (Definitions of learning)

मॉर्गन और गिलीलैण्ड, वुडवर्थ (Woodworth), स्किनर (Skinner), क्रो और क्रो (Crow and Crow), गेट्स (Gates) तथा अन्य मनोवैज्ञानिकों के कई परिभाषाएँ दी हैं जिसके आधार पर हम कह सकते हैं कि सीखने का तात्पर्य है अनुभव, शिक्षण, प्रशिक्षण या अध्ययन आदि किसी भी विधि से नए-नए तथ्यों का ज्ञान प्राप्त करना और नई-नई क्रियाओं को करना। इसके अलावा इन्हें बहुत दिनों तक धारण करना और आवश्यकता पड़ने पर इनका प्रयोग करना और इस प्रकार अपने व्यवहार को सही दिशा देना भी सीखने का उद्देश्य होता है।

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