Bhartiya Shikshanshala

रेविन्स स्टैण्डर्ड प्रोग्रेसिव मैट्रिसेज (Raven’s Standard Progressive Matrices)-Psychological test

रेविन्स स्टैण्डर्ड प्रोग्रेसिव मैट्रिसेज  की रचना रेविन ने सन् 1938 में की थी। इस परीक्षण में व्यक्ति के बुद्धि स्तर को मापते है। इस में पाँच सेट A,B,C,D होते हैं। प्रत्येक सेट में 12 प्रश्न या समस्याएँ या पद होते हैं। अर्थात कुल मिलाकर 60 प्रश्न होते हैं। इसके सभी प्रश्न Set के अनुसार कठिनाई -स्तर के अनुरुप व्यवस्थित होते हैं अर्थात् प्रश्नों की प्रकृति सरल से कठिन की तरफ होती है। प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक दिया जाता है। इस परीक्षण में प्रत्येक समस्या में एक मैट्रिस (डिजाइन) होता है, जिसके एक भाग को हटा दिया जाता है तथा उसे कुछ विकल्पों में मिला दिया जाता है। इसमें से सही विकल्प को चुनना होता हैं।

रेविन्स स्टैण्डर्ड प्रोग्रेसिव मैट्रिसेज (Raven’s Standard Progressive Matrices)-Psychological test

प्रत्येक सही उत्तर के लिए एक अंक जाता प्रदान किया है और सभी सेटों से प्राप्त अंकों को जोड़कर कुल प्राप्तांक प्राप्त किया जाता है। जिसके आधार पर व्यक्ति की बुद्धि मापी जाती है।

रेविन्स स्टैण्डर्ड प्रोग्रेसिव मैट्रिस पूरीक्षण, अशाब्दिक परीक्षण (Non-Verbal test) होता है। जिसका प्रयोग दोनों ढंग से, यानि व्यक्तिगत रूप से तथा सामूहिक रुप से किया जाता है। इसके द्वारा मूलतः अमूर्त चिंतन (abstract thinking) जैसे, तार्किक चिंतन (logical thinking तथा प्रत्यक्षात्मक तीव्रता (Perceptual acquity) का मापन होता है। 

परीक्षण के उ‌द्देश्य

  1. विषयी का बैद्धिक स्तर ज्ञात करना ।
  2. विभिन्न पैटर्न को समझना तथा समस्याओं की रेखाकृति का निरीक्षण करने की योग्यता का मापन करना। स्पष्ट विचार-शक्ति, तुलना एवं तर्कशक्ति का मापन करना।

उपकरण

परीक्षण की प्रतिलिपि, अंक कुंजि, उत्तर प्रपत्र,

तैयारियाँ और सावधानियाँ

  1. परीक्षण से पूर्व परीक्षणशाला में पर्याप्त प्रकाश एवं शुद्ध हवा की व्यवस्था का प्रबंध किया गया।
  2. प्रयोगशाला में विषयी के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था की गई।
  3. यह भी सुनिश्चित किया गया कि प्रयोगशाला किसी बाहरी हस्तक्षेप से प्रभावित न हो। अर्थात शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखा।
  4. विषयी की शारीरिक व मानसिक स्थिति का भी ध्यान रखा गया।

रेविन्स स्टैण्डर्ड प्रोग्रेसिव मैट्रिसेज प्रयोग के लिए निर्देश

  1. विषयी को प्रश्न प्रपत्र पर लिखे गए निर्देशों को ऊँचे स्वर में पढ़ कर सुनाया गया। बताया गया कि विषयी को एक परीक्षण पुस्तिका तथा एक उत्तर प्रपत्र दिया जाएगा।
  2. विषयी को बताया गया कि परीक्षण पुस्तिका में 5 सेट A, B, C, D, E हैं। इसमें कुल 60 प्रश्न है। प्रत्येक सेट में कुल 12 समस्याएँ हैं। प्रत्येक समस्या में एक मैट्रिस (डिजाइन) है, जिसके एक भाग को हटा दिया गया है। विषयी से कहा गया कि दिए गए विकल्पों में से सही भाग को चुनें।
  3. यह परीक्षण क्रमिक रूप में कठिन होता है अर्थात् इसका स्तर सरल से कठिन की ओर होता है।
  4. प्रत्येक सही उत्तर के लिए 1 अंक दिया जाएगा। यदि कोई प्रश्न समझ न आए तो आगे के प्रश्नों को हल करें।
    इस परीक्षण को पूरा करने के लिए कोई समय निर्धारित नहीं है फिए भी विषयी को इसे समाप्त करने का 30 मिनट में निर्देश दिया गया।
  5. विषयी को निर्देश दिया गया कि कोई भी पुस्तिका को नहीं खोलेगा जब तब उससे कहा न जाए।
    विषयी को परीक्षण के दौरान इधर-उधर देखने की अनुमति नहीं दी गयी।

विधि

  • विषयी को परीक्षण पुस्तिका तथा उत्तर प्रपत्र वितरित किया गया।
  • निर्देशों को उच्च स्वर में पढ़ा गया ।
  • विषयी को बताया गया कि उसे 30 मिनट में परीक्षण को पूरा किया जाना आवश्यक है।
  • निर्धारित समय पर विषयी से परीक्षण शुरु करने को कहा गया ।
  • 20 मिनट पश्चात् विषयी को स्मरण कराकर स्पष्ट किया गया कि 10 मिनट बाद परीक्षण समाप्त कर देना है।
  • 30 मिनट पूरे होने के बाद परीक्षण समाप्त करते हुए विषयी से पुस्तिका ले ली गयी। फिर मैनवमल के आधार पर विषयी द्वारा दिए उत्तरों की जाँच व गणना की गयी।

गणना

विषयी द्वारा दिए गए उत्तरों की गणना मैनुअल के अनुसार की गयी। गणना की प्रक्रिया बहुत सरल है। प्रत्येक सही उत्तर के लिए 1अंक दिया गया तथा गलत या कोई उत्तर न देने पर 0 अंक दिया गया। फिर प्रत्येक सेट से प्राप्त आंकड़ों या अंक को जोड़कर कुल प्राप्तांक ज्ञात किया। फिए प्रश्नावली की सहायता से, आयु के अनुसार, विषयी के प्रतिशतांक व ग्रेड का मूल्याकंन किया गया।

शैक्षिक महत्व

अध्यापकों के लिए

1. छात्रों के व्यक्तिगत भिन्नताओं की पहचान

प्रत्येक छात्र की स्मृति व बुद्धि का स्तर अलग-अलग होता है। उनकी बौद्धिक क्षमता, सोचने की शक्ति तथा तर्क करने की शक्ति में भिन्नता व्यक्तिगत रुप से होती है। यह परीक्षण छात्रों के विभिन्न बौद्धिक स्तर का पता करने में अध्यापक की सहायता करता है। यह परीक्षण अध्यापकों को उनकी शिक्षण विधि को प्रभावी बनाने तथा बच्चों के बुद्धि स्तर के अनुसार शिदाण विधि के चयन में सहायता प्रदान करता है।

2. अध्ययन संबंधी आदतों को सुधारने में सहायक

रेविन्स स्टैण्डर्ड प्रोग्रेसिव मैट्रिसेज परीक्षण अध्यापिका की सहायता करता है छात्रों के मान‌सिक स्तर या क्षमता, योग्यता बुद्धि स्तर को जानने व समझने में। इस ज्ञान के आधार पर शिक्षक छात्रों को उनकी अध्ययन संबंधी आदतों में सुधार करने के लिए निर्देश व सुझाव देता है जिससे की छात्रों का भविष्य उज्ज्वल हो सके। शिक्षक छात्रों को अध्ययन आदत में सुधार करके बुद्धि स्तर को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

3. छात्रों के उपलब्धि स्तर को सुधारने में सहायक

यह परिक्षण छात्रों की मानसिक योग्यता को ज्ञात करने में अध्यापक की सहायता करता है। छात्रों की बुद्धिमत्ता, अभिक्षमता, योग्यता के अनुसार अध्यापक एक ऐसा पाठ्यक्रम बना सकता है, जो छात्रों के उपलब्धि स्तर को सुधारने में सहायता करे। कम बुद्धि स्तर वाले छात्रों के लिए शिक्षक को साधारण पाठ्यक्रम बनाना चाहिए। जिससे छात्र अपने उपलब्धि स्तर को सुधार सके ।

4. मानसिक समस्याओं को जानने में सहायक

इस परीक्षण की सहायता से शिक्षक छात्रों की मानसिक या बुद्धि सम्बंधित समस्याओं को जान सकता है। यदि छात्रों को पढ़ने में कोई समस्या हो रही है तो यह एक शिक्षक की जिम्मेदारी होती है कि वो उस छात्र की समस्याओं को समझे तथा उसे हल भी करे।

5. पाठ्यत्सहगामी क्रियाओं के आयोजन में सहायक

छात्रों की मानसिक योग्यताओं या क्षमताओं का विकास करने के लिए, विद्यालय में शिक्षक को विभिन्न पाठ्‌यसहगामी क्रियाओं के आयोजन का प्रबंध करना चाहिए। यह परीक्षण छात्रों की क्षमताओं व बुद्धि के अनुसार एक पाठ्य सहगामी क्रिया के आयोजन में शिक्षक की सहायता करता है जिससे छात्रों के बुद्धि स्तर को और सुधारा जा सके।

6. छात्रों के उत्साहवर्धन तथा प्रेरणा में सहायक

परीक्षण के द्वारा छात्र की योग्यताओं, क्षमताओं व बुद्धि स्तरों को ज्ञात करके शिक्षक छात्रों को प्रोत्साहित करता है। वह उनका उत्साहवर्धन भी कर सकते हैं ताकि छात्र अपने अंदर सुधार लाकर सफलता प्राप्त कर सके।

छात्रों के लिए

1. विषयों व अच्छे व्यवसायों के चुनाव में सहायक

परीक्षण छात्रों को उनकी मानसिक क्षमताओं तथा बुद्धि स्तर का ज्ञान कराता है जिसकी सहायता से वह अपनी रुचि का भी ध्यान रखते हुए विषयों का चयन कर सकता है तथा अपनी योग्यताओं के अनुसार वह ऐसे व्यवसाय का भी चुनाव कर सकता है जिससे उससे भविष्य में सफलता प्राप्त हो तथा वह समाज व देश को प्रगति में भी योगदान दे सके।

2. समाज के साथ समायोजन में सहायक

इस परीक्षण के द्वारा छात्र अपनी क्षमताओं का ज्ञान कर सकता है। इस ज्ञान के आधार पर अपने भविष्य के लिए छात्र सही निर्णय ले सकते हैं। जो आगे चलकर छात्र को समाज के साथ समायोजन बनाने में सहायता प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त्त वह अपनी बुद्धि के अनुसार ऐसा व्यवसाय चुन सकता है जो उसे समाज में एक सम्मान भी दिलाए।

3. अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक

इस परीक्षण के द्वारा किसी प्रकार की मानसिक समस्या का पता किया जा सकता है। यदि छात्र को स्वयं की मानसिक या बौद्धिक समस्याओं का ज्ञान होगा तो वह उसके समाधान के लिए प्रयास करेगा। अपनी इन समस्याओं को छात्र शिक्षक व माता-पिता के मार्गदर्शन द्वारा दूर कर सकता है। इस प्रकार वह अपना मानसिक स्वास्थ्य बेहतर कर सकता है।

4. विद्यालय में प्रवेश लेने के लिए सहायक

यह परीक्षण छात्रों के बुद्धि स्तर को जानने में मदद करता है। छात्रों को उनकी बुद्धि स्तर के अनुसार किसी विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश हेतु यह परीक्षण मदद करता है। इस प्रकार उनको बुद्धि स्तर के अनुसार विद्यालय में प्रवेश मिल जाता है।

सुझाव

विषयी की बुद्धि का स्तर औसत है। उसे सुधार की आवश्यकता है। विषयी को एकाग्रता के स्तर को सुधारने की जरुरत है। जिस कारण वह भविष्य में सफलता प्राप्त कर सकता है। विषयी को कुछ मानसिक व्यायाम जैसे- तार्किक प्रश्नो, पजल आदि को करना चाहिए। इससे उसकी सोचने की क्षमता व मानसिक क्षमता का विकास होगा। भले ही बुद्धि स्तर औसत है, फिर भी वह किसी भी क्षेत्र में अपनी मेहनत लगन से, प्रयासों आदि से सफलता प्राप्त कर सकता है।

विषयी अपनी मानसिक क्षमतानुसार मुख्यतः कला, साहित्य, भाषा आदि विषयों का चयन कर सकता है  तथा औसत बुद्धि स्तर के आधार पर वह शिक्षण, किसी सरकारी नौकरी जैसे – क्लर्क आदि क्षेत्रों में अपना भविष्य बना सकता है।

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