Bhartiya Shikshanshala

व्यक्तित्व के प्रकार (Types of Personality)

व्यक्तित्व के प्रकार (Personality Types)

कई विद्वानों ने व्यक्तित्व को अनेक प्रकार से वर्गीकृत किया है, जिनमें से निम्नांकित 3 प्रकारों को स्वीकार किया गया है-

  1. शरीर-रचना प्रकार
  2. समाजशास्त्रीय प्रकार
  3. मनोवैज्ञानिक प्रकार

शरीर संरचना प्रकार

जर्मन विद्वान क्रेचमर (Kretschmer) ने अपनी पुस्तक “physique and Character” में शरीर – रचना के आधार पर व्यक्तित्व के तीन प्रकार बताए हैं-

क) लम्बकाय (Asthenic)

इस प्रकार के व्यक्ति दुबले-पतले होते हैं। इनका सिर लम्बा, भुजाएँ पतली, सीना छोटा, हाथ-पैर लम्बे, पतले होते हैं। वह दूसरों की आलोचना करना पसंद करता है, पर दूसरों द्वारा अपनी आलोचना सुनना पसंद नहीं करता है।

ख) सुडौलकाय (Athletic)

इस प्रकार के व्यक्ति हष्ट-पुष्ट और स्वस्थ होते हैं। इनका सीना चौड़ा, उभरा हुआ, भुजाएँ मजबूत, मांसपेशियाँ पुष्ट होती हैं। ये दूसरों से इच्छानुसार समायोजन कर लेते हैं।

ग) गोलकाय (Pyknic)

इस प्रकार के व्यक्ति कद में नाटे, छोटे, मोटे, गोल और चर्बी वाले होते हैं। ये आरामतलब और सामाजिक होते हैं।

समाजशास्त्रीय प्रकार

स्प्रेंगर (Spranger) ने अपनी “पुस्तक “Types of men” में व्यक्ति के सामाजिक कार्यों और स्थिति के आधार पर व्यक्तित्व के 6 प्रकार बताए हैं-

क) सैद्धांतिक (Theoretical)

इस प्रकार के व्यक्ति, व्यवाहार की अपेक्षा सिद्धान्तों पर अधिक जोर देते हैं। दार्शनिक वैज्ञानिक इसी कोटि में आते हैं।

ख) आर्थिक (Economic)

इस प्रकार के व्यक्ति प्रत्येक वस्तु का मूल्यांकन आर्थिक दृष्टि से करते हैं। व्यापारी इसी श्रेणी में आते हैं।

ग) सामाजिक (Social)

इस प्रकार के व्यक्ति में सामाजिक गुण जैसे- दया, सहानुभूति आदि अधिक होते हैं और वे समाज कल्याण में रुचि लेते हैं।

घ) राजनैतिक (Political)

इस प्रकार के व्यक्ति- सत्ता, प्रभुत्व दल और नियंत्रण में विश्वास करते हैं। इस प्रकार के व्यक्ति दूसरों पर शासन करने की इच्छा रखते हैं। राजनीतिक कार्यों में बहुत रुचि लेते हैं, यथा- नेता लोग।

ङ धार्मिक (Religious)

इस प्रकार के व्यक्ति ईश्वर और आध्यात्मिकता में आस्था रखते हैं- यथा साधु, योगी, दयालु और आध्यात्म या धार्मिक व्यक्ति।

च) कलात्मक (Esthetic)

इस प्रकार के व्यक्ति प्रत्येक वस्तु को कला की दृष्टि से देखते हैं, परखते हैं। ये लोग कला के पुजारी होते हैं। जैसे- कलाकार, चित्रकार आदि।

मनोवैज्ञानिक प्रकार

मनोवैज्ञानिकों ने मनोवैज्ञानिक लक्षणों के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण किया है। इनमें जंग (Jung) ने अपनी पुस्तक “Psychological Types” में व्यक्तित्व के 2 प्रकार बताए-

क) अंतर्मुखी व्यक्तित्व (Introvert Personality)

इस प्रकार का व्यक्तित्व उन व्यक्तियों का होता है जिनका स्वभाव, आदतें, गुण बाह्य रूप में प्रकट नहीं होते। ये आत्मकेन्द्रित तथा सदा अपने में ही खोये रहते हैं। ये आत्मचिंतक, एकान्तप्रिय, व संकोची भी होते हैं। साथ ही संवेदनशील, कर्तव्यनिष्ठ और मितभाषी होते हैं। ऐसे व्यक्ति लोक व्यवहार में प्रायः कम कुशल होते हैं।

ख) बहिर्मुखी व्यक्तित्व (Extrovert Personality)

इस प्रकार के व्यक्तित्व के लोगों की रुचि बाह्य जगत में होती है। ये सामाजकेंद्रित, व्यावहारिक, साहसिक, चिन्तामुक्त और आशावादी होते हैं। ऐसे व्यक्ति सामाजिक कार्यों में रुचि लेते हैं और लोकप्रियता प्राप्त करते हैं।

ग) उभयमुखी व्यक्तित्व (Ambivert)

जिनव्यक्तियों में अंतर्मुखी तथा बर्हिमुखी व्यक्तित्व, दोनों के लक्षण लगभग समान रूप में होते हैं, उन्हें उभयमुवी वर्ग में रखा जाता है। उदाहरण- एक व्यक्ति अच्छा लेखक और वक्ता दोनों हो सकता है, एक व्यक्ति सामाजिक व्यवहार प्रदर्शित करता है किंतु वह कोई कार्य अकेले करना ही पसंद करता है। उभयमुखी व्यक्ति अपना तथा समाज दोनों का लाभ देखता है।

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