शिक्षा में मापन के द्वारा हम किसी भी वस्तु का शुद्ध और वस्तुनिष्ट रूप से वर्णन कर सकते हैं। इसके कई अन्य महत्व भी है इसके जो इस प्रकार हैं :
मापन के द्वारा किसी भी वस्तु का आंशिक वर्णन बिल्कुल शुद्ध रूप से किया जा सकता है।
इससे इस बात का पता चलता है कि कोई बालक औसत बुद्धि लब्धि से कितना अधिक उच्च या निम्न है।
मापन द्वारा हम अधिक आसानी से परिणामों को दूसरों को बता सकते हैं।
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यह व्यक्ति के मूल्यांकन में सहायक होता है। जब मानकीकृत मापकों द्वारा किसी व्यक्ति की व्यवहारिक विषेशताओं का मापन किया जाता है तो परिणाम वैध होंगें।
मापन का प्रयोग व्यक्तिपरक मूल्यांकन की तुलना में अधिक किफायती होता है।
व्यक्तिपरक साधनों की तुलना में मानसिक प्रशिक्षण मितव्ययी, सरल और अधिक शुद्ध निष्कर्ष देता है।