विज्ञान केवल ज्ञान का भण्डार नहीं, वह इस ज्ञान-भण्डार के अस्तित्व का कारण भी है। यह हमें रहस्यों तथा उसके कारण को जानने के लिए सत्य का मार्ग दिखाता है।

विज्ञान के अर्थ और प्रकृति में कई सम्बन्ध हैं और इनके सम्बन्ध में कई बातें हो सकती हैं जो निम्नलिखित हैं-

विज्ञान एक प्रक्रिया भी है और उस प्रक्रिया का परिणाम भी (Science is a process as well as the product of that process)

विज्ञान में संचित ज्ञान के भण्डार का उतना महत्त्व नहीं है जितना कि ज्ञान प्राप्ति के मार्ग का है।

विज्ञान सदैव सत्य की खोज में रहता है और जो कुछ इस खोज के परिणामस्वरूप उसे प्राप्त होता है उसे कभी भी अपरिवर्तनशील मानकर नहीं चलता है।

सत्य की खोज करने का जो तरीका विज्ञान द्वारा अपनाया जाता है वह अधिक-से-अधिक यथार्थ, तर्कसम्मत, विश्वसनीय, निष्पक्ष, वस्तुनिष्ठ होता है। 

विज्ञान अपने अनुयायियों तथा अध्ययन में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के व्यवहार और दृष्टिकोण में एक विशेष प्रकार का परिवर्तन लाने की भूमिका निभाता है।

विज्ञान अपनी मूल प्रकृति और स्वभाव के अनुसार दो प्रकार की भूमिकाएँ एक साथ ही निभाता है-

(i) खोज तथा अनुसन्धान करना। (ii) अनुसन्धान के परिणामस्वरूप सुव्यवस्थित ज्ञान भण्डार का संकलन करना।