यहाँ विद्युत धारा (Electric Current) से जुड़े 10 महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं, जो इसके मूल सिद्धांतों और व्यवहार को समझने में आपकी मदद करेंगे:
क्या है विद्युत धारा?: विद्युत धारा आवेशों (मुख्यतः इलेक्ट्रॉनों) के प्रवाह को कहते हैं। यह किसी चालक में एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक आवेशों की गति है।
SI इकाई: विद्युत धारा का अंतर्राष्ट्रीय मानक (SI) इकाई एंपियर (Ampere) है, जिसे 'A' से दर्शाया जाता है। 1 एंपियर का अर्थ है प्रति सेकंड 1 कूलॉम आवेश का प्रवाह।
प्रवाह की दिशा: पारंपरिक रूप से, विद्युत धारा की दिशा धनात्मक आवेशों के प्रवाह की दिशा मानी जाती है। हालांकि, धातुओं में इलेक्ट्रॉन (ऋणात्मक आवेश) इसके विपरीत दिशा में प्रवाहित होते हैं।
मापन: विद्युत धारा को मापने के लिए एमीटर (Ammeter) नामक उपकरण का उपयोग किया जाता है। एमीटर को हमेशा परिपथ (circuit) में श्रेणी क्रम (series) में जोड़ा जाता है।
विद्युत परिपथ: विद्युत धारा को प्रवाहित होने के लिए एक पूर्ण और बंद पथ की आवश्यकता होती है, जिसे विद्युत परिपथ कहते हैं। इसमें एक ऊर्जा स्रोत, चालक तार, और कोई उपकरण होता है।
ओम का नियम (Ohm's Law): यह नियम विद्युत धारा, विभवांतर (voltage) और प्रतिरोध (resistance) के बीच संबंध बताता है। इसके अनुसार, किसी चालक में प्रवाहित धारा उसके सिरों के बीच विभवांतर के सीधे समानुपाती होती है। सूत्र है: V = IR (जहाँ V = विभवांतर, I = धारा, R = प्रतिरोध)।
विद्युत धारा मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:दिष्ट धारा (Direct Current - DC)प्रत्यावर्ती धारा (Alternating Current - AC)
दिष्ट धारा (Direct Current - DC): इसमें आवेश केवल एक ही दिशा में प्रवाहित होते हैं (जैसे बैटरी से प्राप्त धारा)।
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating Current - AC): इसमें आवेश अपनी दिशा को लगातार बदलते रहते हैं (जैसे घरों में बिजली की आपूर्ति)।