परीक्षण के द्वारा किसी व्यक्ति का व्यवहारिक अध्ययन किया जाता है जिससे उस व्यक्ति को समझना आसान हो जाता है।

परीक्षण के अंतर्गत व्यक्ति की मानसिक प्रक्रिया का मूल्यांकन किया जाता है। जिसमें मनोवैज्ञानिक पहलुओं जैसे बुद्धि, रुचि, उपलब्धि आदि का अध्ययन करते हैं ।

एक अच्छा परीक्षण वह होता है जिसका आरोपण सरल हो, जिसमें पूर्ण निर्देश हों तथा सरल वस्तुनिष्ठ फलांकन विधि हो।

ऐसे परीक्षण के लिए परीक्षक द्वारा निरीक्षण तथा निर्णय की आवश्यकता नहीं है।

यह सम्पूर्ण व्यवहार, व्यक्ति के भिन्न-भिन्न पहलुओं जैसे रुचि, व्यक्तित्व, क्षमताओं उपलब्धियों, योग्यताओं आदि का गुणात्मक व परिणात्मक मूल्यांकन करता है।