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हमारे आस-पास के बाज़ार | प्रश्न – उत्तर कक्षा 7 NCERT

हमारे आस-पास के बाज़ार | प्रश्न – उत्तर कक्षा 7 NCERT

पाठ 7 - हमारे आस-पास के बाज़ार

कक्षा 7 - अभ्यास कार्य

1. कोई एक फेरीवाला, दुकानदार से किस तरह भिन्न होता है?

उत्तर : एक फेरीवाला हर सप्ताह साप्ताहिक बाज़ार में अपनी दुकान लगता है। साप्ताहिक बाज़ार में रोज खुलने वाली दुकान नहीं होती हैं। व्यापारी दिन में दुकान लगाते हैं और शाम को उसे समेट लेते हैं तथा अगले दिन वह किसी और जगह यह दुकान लगाते हैं और इसी तरह वह सप्ताह के हर दिन में अलग-अलग जगह जाकर दुकान लगाते हैं जबकि दुकानदार की अपनी एक पक्की दुकान होती है जिसे वह कहीं और नहीं लगा सकता है। 

फेरी वाले को अधिक खर्च नहीं देना पड़ता है जैसे दुकान का किराया बिजली का बिल, सरकारी शुल्क, कर्मचारी का वेतन इत्यादि उसे देने की आवश्यकता नहीं होती है। जबकि दुकानदार को यह सभी शुल्क देने पड़ते हैं। 

2. नीचे दी गई तालिका के आधार पर एक साप्ताहिक बाज़ार और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की तुलना करिए ओर बताइए कि उनमें क्या अंतर है? स्पष्ट कीजिए।

बाज़ार बेची जाने वाली वस्तुओं के प्रकार वस्तुओं का मूल्य विक्रेता  ग्राहक
साप्ताहिक बाज़ार        
शॉपिंग काम्प्लेक्स        

उत्तर :

बाज़ार बेची जाने वाली वस्तुओं के प्रकार वस्तुओं का मूल्य विक्रेता  ग्राहक
साप्ताहिक बाज़ार एक ही जगह पर जरूरत का सभी सामान मिल जाता है। कम छोटे व्यापारी तथा फेरी वाले  आम जनता तथा आसपास रहने वाले लोग
शॉपिंग काम्प्लेक्स बड़ी-बड़ी कंपनियों का ब्रांडेड सामान  अधिक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के बड़े व्यापारी अमीर लोग

3. बताइए कि बाज़ारों की श्रृंखला कैसे बनती है? इससे किन उद्देश्यों की पूर्ति होती है?

उत्तर: बाज़ारों की श्रृंखला बनाने के लिए सबसे पहले थोक व्यापारी उत्पादक से बड़ी मात्रा में समान लेता है जिसे वह दूसरे व्यापारियों को बेचता है। अंततः यह सामान व्यापारियों से होता हुआ ग्राहकों तक पहुंचता है। जिस व्यापारी द्वारा यह सामान उपभोक्ता तक पहुंचता है उसे फुटकर व्यापारी कहते हैं। यह वही दुकानदार होता है जो आपके पड़ोस की दुकानों, साप्ताहिक बाज़ार या फिर शॉपिंग कांप्लेक्स में सामान बेचता है। 

बाज़ारों की श्रृंखला के द्वारा उत्पादक उपभोक्ताओं तक अपना सामान आसानी से पहुंचा सकता है। उत्पादक कभी भी कम मात्रा में सामान को नहीं बेचता है इसलिए उत्पादक को ग्राहकों तक सामान पहुंचाने के लिए व्यापारियों, छोटे दुकानदारों तथा फेरी वालों आदि का सहारा लेना पड़ता है।

4. सब लोगों को बाज़ार में किसी भी दुकान पर जाने का समान अधिकार है। क्या आपको लगता है कि महँगे उत्पादों की दुकानों के बारे में यह बात सत्य है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: जी हां महंगे उत्पादन की दुकान के बारे में भी यह बात सत्य है। कोई भी व्यक्ति किसी भी दुकान में जाकर सामान देख सकता है और यदि वह उसके बजट में रहता है तो वह उसे खरीद भी सकता है। 

उदाहरण के लिए हम एक बड़े मॉल में कपड़ों की दुकान में साड़ी की कीमत ₹5000 है और इसी साड़ी की कीमत बाहर लोकल दुकान में 2000 से कम है तो हम उसे मॉल से साड़ी ना लेकर बाहर से लेंगे। कोई भी दुकानदार हमे उसे खरेदने के लिए जोर नहीं दे सकता है।

5. क्या बाज़ार में जाए बिना भी सामान खरीदा या बीचा जा सकता है? उदाहरण देकर इस कथन की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: आज के इस आधुनिक समय में किसी भी ई-कॉमर्स वेबसाइट से हम कुछ भी खरीद या भेज सकते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए कई तरह के वेबसाइट है जैसे amazon, flipkart इत्यादि। इससे हमारा समय बचता है और हम एक ही जगह पर एक उत्पाद को दूसरे उत्पादों से तुलना करके खरीद सकते हैं। 

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