NCERT कक्षा 7 की हिंदी पाठ्य पुस्तक "वसंत भाग 2"
पाठ - 1 लाख की चूड़ियाँ
- अभ्यास कार्य
NCERT की कक्षा 8 की हिंदी विषय की किताब “वसंत (VIII)” के सभी पाठों की कहानियों तथा कविताओं के अभ्यास कार्यों का वर्णन करेंगे और उसके प्रश्नों का उत्तर देंगे।
हम “लाख की चूड़ियाँ” पाठ का अध्ययन करने के बाद इससे सम्बंधित कुछ प्रश्नों को निकालेंगे और उनके उत्तर का वर्णन करेंगे।
लाख की चूड़ियाँ - प्रश्न-अभ्यास NCERT
कहानी से
1. बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था?
उत्तर– बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से इसलिए जाता था क्योंकि लेखक के मामा के गाँव में बदलू नाम का कारीगर रहता था जो लाख की चूडियां बनाता था। उन्हें उससे बहुत लगाव था क्योंकि वो उन्हें बहुत सी लाख की रंगबिरंगी गोलियां बनाकर देता था। वह बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ इसलिए कहा करते थे क्योंकि गाँव के सभी लोग बदलू को ‘बदलू काका’ कहकर बुलाते थे।
2. वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?
उत्तर– ‘वस्तु विनिमय’ विनिमय की वह पद्धति है जिसमें वस्तु के लिए पैसे नहीं लिए जाते थे। एक वस्तु को देकर दूसरी वस्तु ली जाती थी। वस्तु के बदले वस्तु ली-दी जाती थी। लेकिन वर्तमान समय में मुद्रा का चलन हो गया है जिस कारण वस्तु का लेन-देन मुद्रा के द्वारा होता है। विनिमय की प्रचलित पद्धति पैसा है।
3. ‘मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं।’ इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?
उत्तर– इस पंक्ति में लेखक ने कारीगरों की व्यथा की ओर संकेत किया है। वह कहते हैं कि मशीनों के आने से कारीगरों के हाथ से काम-धंधा छिन गया। मानो उनके हाथ ही कट गए हों। इन कारीगरों का रोजगार इन पैतृक काम धंधों से ही चलता था और इसके अलावा उन्होंने कभी कुछ नहीं सीखा था। वे पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी इसी कला को आगे बढ़ाते चले आ रहे हैं और साथ में रोजी रोटी भी कमा रहे हैं। लेकिन इस मशीनी युग ने उनकी रोजी रोटी पर वार किया है और लोगों को बेरोजगार बना दिया है।
4. बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी।
उत्तर – बदलू एक कारीगर था। वह लाख की चूड़ियाँ बनाकर बेचा करता था परन्तु जैसे-जैसे कांच की चूडियों का प्रचलन बढ़ता गया उसका व्यवसाय ठप पड़ने लगा। जिसे देखकर उसके मन को बहुत दुख होता था। बदलू के मन में इस बात कि व्यथा थी कि मशीनी युग के प्रभावस्वरुप उस जैसे अनेक कारीगर बेरोजगार हो गए हैं। आजकल लोग कारीगरी की कला नहीं सिर्फ दिखावटी चमक पर ध्यान देते हैं। यही व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी।
5. मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?
उत्तर– मशीनी युग आने से बदलू के जीवन में कई बदलाव आए। उसका लाख की चूडियों का कारोबार ठप हो गया था। उसकी सेहत भी ढलने लगी थी और हाथों और माथे पर नसें उभर आई थी।
कहानी से आगे
1. आपने मेले-बाजार आदि में हाथ से बनी चीज़ों को बिकते देखा होगा। आपके मन में किसी चीज को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए।
उत्तर – हाँ मैंने मेले-बाजार आदि में हाथ से बनी चीज़ों को बिकते देखा हैं। मुझे कालीन के काम और चीनी मिटटी से बनने वाली वस्तुएं काफी पसंद आती हैं। लेकिन में यह काम सीख नहीं पाई।
2. लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या क्या चीजें बनती हैं? ज्ञात कीजिए।
उत्तर– लाख की वस्तुओं का निर्माण मुख्यतः उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में होता है। इससे चूड़ियों के अलावा, आभूषण, खिलौने, मूर्तियां, सजावटी सामान जैसी कई अन्य वस्तुएं भी बनाई जाती हैं।
भाषा की बात
1. ‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से’ और बदलू स्वयं कहता है-“जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव है?” ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।
उत्तर- आज कल पहले जैसे कारीगरी के काम देखने को नहीं मिलते हैं।
वाक्य– पुराने समय में कारीगर अपने हाथों से बारीक और सुंदर काम करते थे जो आज मशीनों से मुमकिन नहीं है।
2. ‘बदलू’ कहानी की दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे-लला, रज्जो, आम, काँच, गाय इत्यादि (ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे-चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा। (ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।
उत्तर – व्यक्तिवाचक संज्ञा- लेखक, बदलू, मचिया
जातिवाचक संज्ञा- गांव, शहर, इंसान
भाववाचक संज्ञा- दुख, व्यथा, खुशी
3. गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।
उत्तर–
- मरद – मर्द
- मुफत– मुफ़्त
- ब्याह – विवाह
- मिष्ठान – मिठाई

