NCERT कक्षा 7 की हिंदी पाठ्य पुस्तक "वसंत भाग 2"
पाठ - 13 वीर कुंवर सिंह
- अभ्यास कार्य
NCERT की कक्षा 7 की हिंदी विषय की किताब “वसंत भाग 2” के सभी पाठों की कहानियों तथा कविताओं के अभ्यास कार्यों का वर्णन करेंगे और उसके प्रश्नों का उत्तर देंगे।
हम “वीर कुंवर सिंह” पाठ का अध्ययन करने के बाद इससे सम्बंधित कुछ प्रश्नों को निकालेंगे और उनके उत्तर का वर्णन करेंगे।
वीर कुंवर सिंह - प्रश्न-अभ्यास NCERT
निबंध से
1. वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?
उत्तर– वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की कई ऐसी विशेषताएं हैं जो मुझे प्रभावित करती हैं जैस वह साहसी, वीर, स्वाभिमानी, उदार स्वभाव के, दूसरों की सहायता करने वाले अत्यंत संवेदनशील व्यक्ति थे। उन्होंने अपनी वीरता का परिचय देते हुए अंग्रेजों से लोहा लिया और स्वतंत्रता में अपनी एक भूमिका निभाई। उन्होंने लोगों के लिए पाठशालाएं और मकतब बनवाए। आज भी बिहार के कई लोकगीतों में उनका वर्णन किया गया है।
2. कुँवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था? क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली?
उत्तर– कुँवर सिंह को बचपन में पढ़ने लिखने से अधिक घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती पसंद थी। इन्हीं के कारण वह एक स्वतंत्रता सेनानी बनकर अंग्रेजों से लड़ सके।
3. सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी-पाठ के आधार पर कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर– सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी। वह एक उदार और अत्यंत संवेदनशील व्यक्ति थे। उन्होंने कभी भी धर्म संबधी भेदभाव नहीं किया। उनकी सेना में इब्राहिम खां और किफ़ायत हुसैन अपनी प्रतिभा के कारण उच्च पद पर थे। वह हिन्दू और मुसलमानों के सभी त्योहरों को एक साथ मनाते थे। उन्होंने सभी के लिए पाठशालाएं और मकतब भी बनवाए।
4. पाठ के किन प्रसंगों से आपको पता चलता है कि कुँवर सिंह साहसी, उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे?
उत्तर– वीर कुंवर सिंह के ऐसे कई प्रसंग है जिसे यह पता चलता है कि वह एक साहसी, उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। उनके साहस को दिखाते हुए उनका एक प्रसंग है जब वह अपनी सेवा के साथ गंगा पार करने की कोशिश कर रहे थे तभी उनके बाएं हाथ में गोली लग गई। इसके बाद उन्होंने इस समय अपने उसे हाथ को काटकर गंगा मैया को अर्पित कर दिया। उन्होंने गरीबों को स्कूल के लिए जमीन दान दी और उनके लिए पाठशालाएं व मकतब बनवाए।
5. आमतौर पर मेले मनोरंजन, खरीद फरोख्त एवं मेलजोल के लिए होते हैं। वीर कुँवर सिंह ने मेले का उपयोग किस रूप में किया?
उत्तर– वीर कुंवर सिंह ने बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले का प्रयोग अपनी गुप्त बैठकों की योजना बनाने के लिए किया क्योंकि यह मिला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता था जो कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगता है। यह मेल हाथियों के क्रय विक्रय के लिए भी विख्यात था। उन दिनों ऐसे मेले में स्वाधीनता के लिए लोग एकत्र होकर क्रांति के बारे में योजना बनाते थे।
निबंध से आगे
1. सन् 1857 के आंदोलन में भाग लेनेवाले किन्हीं चार सेनानियों पर दो-दो वाक्य लिखिए।
उत्तर-
- रानी लक्ष्मीबाई– रानी लक्ष्मीबाई की सेना ने तात्या टोपे की सेना के साथ मिलकर ग्वालियर के एक किले पर विजय प्रात करके स्वतंत्रता में अपना एक योगदान दिया। 1858 में कोटा की सराय में युद्ध करते हुए वह वीरगति को प्राप्त हो गईं।
- कुंवर सिंह– इन्होंने 1857 के आंदोलन में ब्रिटिश शासन के खिलाफ बहादुरी के साथ युद्ध किया।
- बहादुर शाह ज़फ़र– यह मुगल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह और उर्दू भाषा के जाने माने शायर थे। लेकिन 1857 में उन्होंने प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व किया।
- मंगल पांडे– 1857 के विद्रोह की शुरुआत इन्हीं से हुई थी जब इन्होंने गाय और सूअर की चर्बी से बने कारतूस को इस्तेमाल करने से मना कर दिया था।
भाषा की बात
आप जानते हैं कि किसी शब्द को बहुवचन में प्रयोग करने पर उसकी वर्तनी में बदलाव आता है। जैसे- सेनानी एक व्यक्ति के लिए प्रयोग करते हैं और सेनानियों एक से अधिक के लिए। सेनानी शब्द की वर्तनी में बदलाव यह हुआ है कि अंत के वर्ण ‘नी’ की मात्रा दीर्घ (ई) से हस्व (इ) हो गई है। ऐसे शब्दों को, जिनके अंत में दीर्घ ईकार होता है, बहुवचन बनाने पर वह इकार हो जाता है, यदि शब्द के अंत में ह्रस्व इकार होता है, तो उसमें परिवर्तन नहीं होता जैसे- दृष्टि से दृष्टियों।
नीचे दिए गए शब्दों का वचन बदलिए-
- नीति…..
- ज़िम्मेदारियों….
- सलामी….
- स्थिति….
- स्वाभिमानियों…..
- गोली…..
उत्तर-
- नीति– नीतियों
- ज़िम्मेदारियों– जिम्मेदारी
- सलामी– सलामियों
- स्थिति– स्थितियों
- स्वाभिमानियों– स्वाभिमानी
- गोली– गोलियों

