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बाल रामकथा | अभ्यास कार्य – कक्षा 6 NCERT

बाल रामकथा | अभ्यास कार्य - कक्षा 6 NCERT

बाल रामकथा

- अभ्यास कार्य

1. पुस्तक के पहले अध्याय के पहले अनुच्छेद में लेखक ने सजीव ढंग से अवध की तसवीर प्रस्तुत की है। तुम भी अपने आसपास की किसी जगह का ऐसा ही बारीक चित्रण करो। यह चित्रण मोहल्ले के चबूतरे, गली की चहल-पहल, सड़क के नज़ारे आदि किसी का भी हो सकता है जिससे तुम अच्छी तरह परिचित हो।

उत्तर: हमारे घर के बाहर मोहल्ले में दिन में काफी चहल पहल रहती है। लोग घरों से अपने काम के लिए निकलते हैं तथा कई लोग एक दूसरे से घर के बाहर एक बैठक बनाकर मिलते हैं। मोहल्ले में कई सारे पेड़ पौधे भी लगे हुए हैं जिससे हमारा मोहल्ला हरा भरा दिखता है।

2. विश्वामित्र जानते थे कि क्रोध करने से यज्ञ पूरा नहीं होगा, इसलिए वे क्रोध को पी गए। तुम्हें भी कभी-कभी गुस्सा आता होगा। तुम्हें कब-कब गुस्सा आता है और उसका क्या परिणाम होता है?

उत्तर: जब कोई काम मेरे मुताबिक नहीं होता है तो मुझे गुस्सा आता है और इसका परिणाम अच्छा नहीं होता है।

3. राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार किया। तुम्हारी समझ में इसका क्या कारण रहा होगा?

उत्तर: राम और लक्ष्मण पिता की आज्ञा मानने वाले आज्ञाकारी पुत्र थे इसलिए उन्होंने खुशी-खुशी पिता के निर्णय को माना और उनकी आज्ञा का पालन किया।

4. विश्वामित्र ने कहा, "ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। इनसे कोई डर नहीं है।" उन्होंने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर: विश्वामित्र ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह उन्हें बताना चाहते थे कि इससे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस जंगल में असली खतरा राक्षसी ताड़का है जो उस जंगल में आने वाले लोगों पर अचानक हमला कर देती है जिस कारण इस सुंदरवन का नाम ताड़का वन पड़ गया।

5. लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। क्या ऐसा करना उचित था? अपने उत्तर का कारण बताओ।

उत्तर: नहीं ऐसा करना उचित नहीं था। उस मामले को किसी अन्य तरीके से भी सुलझाया जा सकता था। पुरुषों को महिलाओं का रक्षक माना जाता हैं। लक्ष्मण द्वारा ऐसा व्यवहार करना उचित नहीं था।

6. विश्वामित्र और कैकेयी दोनों ही दशरथ को रघुकुल के वचन निभाने की प्रथा याद दिलाते हैं। तुम अपने अनुभवों की मदद से बताओ कि क्या दिया हुआ वचन निभाना हमेशा संभव होता है?

उत्तर: नहीं दिया हुआ वचन निभाना हमेशा संभव नहीं होता है कई बार ऐसी परिस्थितियों आ जाती है कि दिए हुए वचन को निभाना मुश्किल हो जाता है। वचन को निभाने के लिए हमें कई परीक्षाओं से गुजरना होता है जैसा कि राजा दशरथ ने किया था लेकिन आज के समय में हम आम मनुष्य के लिए ऐसा कर पाना संभव नहीं है।

7. मान लो कि तुम्हारे स्कूल में रामकथा को नाटक के रुप में खेलने की तैयारी चल रही है। तुम इस नाटक में उसी पात्र की भूमिका निभाना चाहते हो जो तुम्हें सबसे ज्यादा अच्छी, दिलचस्प या आकर्षक लगती है। वह पात्र कौन सा है और क्यों?

उत्तर: मुझे लक्ष्मण का किरदार बहुत अच्छा लगा। वह एक आज्ञाकारी पुत्र तथा भाई थे। उन्होंने हर कदम पर अपने बड़े भाई राम तथा अपनी मां समान भाभी सीता का साथ दिया। यदि मुझे अवसर मिले तो मैं इनका किरदार निभाने चाहूंगा।

8. सीता बिना बात के राक्षसों के वध के पक्ष में नहीं थीं जबकि राम राक्षसों के विनाश को ठीक समझते थे। तुम किससे सहमत हो-राम से या सीता से? कारण बताते हुए उत्तर दो।

उत्तर: हम राम के कथन से सहमत हैं। क्योंकि राक्षस मायावी थे वह मुनियों तथा आम लोगों को कष्ट पहुंचते थे इसलिए राम ने उनका विनाश करके लोगों की रक्षा करने की प्रतिज्ञा ली। इस तरह से सोचा जाए तो सीता के द्वारा दिया गया कथन उचित नहीं है।

9. रामकथा के तीसरे अध्याय में मंधरा कैकेयी को समझाती है कि राम को युवराज बनाना उसके बेटे के हक में नहीं है। इस प्रसंग को अपने शब्दों में कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत करो।

उत्तर : इस नाटक के रूप में प्रस्तुत करने के लिए छात्र अपने शिक्षिका से बात करें।

10. तुमने 'जंगल और जनकपुर' तथा 'दंडक वन में दस वर्ष' में राक्षसों द्वारा मुनियों को परेशान करने की बात पढ़ी। राक्षस ऐसा क्यों करते थे? क्या यह संभव नहीं था कि दोनों शांतिपूर्वक वन में रहते? कारण बताते हुए उत्तर दो।

उत्तर : हमने देखा कि मुनियों का स्वभाव शांत तरह का होता है। वह भगवान में आस्था रखते हैं जबकि राक्षस अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझते हैं। वह मायावी थे और दूसरों को पीड़ा पहुंचाते थे। ऐसे में एक ही स्थान पर दोनों का शांतिपूर्वक रहना संभव है।

11. हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका के बारे में क्या-क्या बताया होगा?

उत्तर : हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका के बारे में बताया कि लंका चारों तरफ से समुद्र से घिरी हुई है। महल में सभी तरफ पहरेदार हैं। उन्होंने सीता माता को अशोक वाटिका में रखा है जहां पर कई दासियां उनके साथ रहती हैं। उन्होंने रावण बड़े बेटे मेघनाद के बारे में भी बताया कि वह बहुत शक्तिशाली है। उन्होंने यह भी बताया कि रावण के महल तक पहुंचाने के लिए उन्हें इस विशाल समुद्र को पार करना पड़ेगा जो की आसान नहीं होगा।

12. तुमने बहुत सी पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ पढ़ी होंगी। उनमें क्या अंतर होता है? यह जानने के लिए पाँच-पाँच के समूह में कक्षा के बच्चे दो-दो पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ इकट्ठा करें। कथ्य (कहानी), भाषा आदि के अनुसार दोनों प्रकार की कहानियों का विश्लेषण करें और उनके अंतर लिखें।

उत्तर : छात्र अपनी शिक्षिका के साथ स्वयं करे।

13. क्या होता यदि -

(क) राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते।

उत्तर : यदि राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते तो वह आत्महत्या कर लेती और यह कलंक राजा दशरथ के माथे आ जाता।

(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता।

उत्तर : यदि रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव मान कर युद्ध करने का फैसला न किया होता तो रावण के कुल का अंत नहीं होता और उसकी सोने की लंका का भी नाश नहीं होता। सैकड़ों सैनिकों की जाने नहीं जाती।

14. नीचे कुछ चारित्रिक विशेषताएँ दी गई हैं और तालिका में कुछ पात्रों के नाम दिए गए हैं। प्रत्येक नाम के सामने उपयुक्त विशेषताओं को छाँटकर लिखो-

पराक्रमी, साहसी, निडर, पितृभक्त, वीर, शांत, दूरदर्शी, त्यागी, लालची, अज्ञानी, दुश्चरित्र, दीनबंधु, गंभीर, स्वार्थी, उदार, धैर्यवान, अड़ियल, कपटी, भक्त, न्यायप्रिय और ज्ञानी।

उत्तर :

  • राम : शांत, पितृभक्त, धैर्यवान
  • सीता : शांत, उदार
  • लक्ष्मण : पराक्रमी, साहसी, निडर
  • कैकेयी : लालची, अज्ञानी
  • रावण : अड़ियल, दुश्चरित्र,
  • हनुमान : भक्त, वीर, साहसी
  • विभीषण : न्यायप्रिय, ज्ञानी, दूरदर्शी
  • भरत : गंभीर, त्यागी

15. तुमने अपने आसपास के बड़ों से रामायण की कहानी सुनी होगी। रामलीला भी देखी होगी। क्या तुम्हें अपनी पुस्तक रामकथा की कहानी और बड़ों से सुनी रामायण की कहानी में कोई अंतर नजर आया? यदि हाँ तो उसके बारे में कक्षा में बताओ।

उत्तर : हाँ मुझे कई जगह अन्तर नजर आया।

16. रामकथा में कई नदियों और स्थानों के नाम आए हैं। इनकी सूची बनाओ और एटलस में देखो कि कौन-कौन सी नदियाँ और जगहें अभी भी मौजूद हैं। यह काम तुम चार-चार के समूह में कर सकते हो।

उत्तर :रामकथा में कई नदियों और स्थानों के नाम आए हैं उनके नाम इस प्रकार हैं:
स्थान : अवध, अयोध्या, मिथिला, चित्रकूट, नंदीग्राम, विन्ध्याचल, पंचवटी, लंका.

नदियां: सरयू नदी, गंगा नदी, सोन नदी, गोमती नदी, सई नदी, गोदावरी नदी.

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