Bhartiya Shikshanshala

पादप में जनन | प्रश्न – उत्तर कक्षा 7 NCERT

पाठ 8- पादप में जनन

कक्षा 7 - अभ्यास कार्य

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) जनक पादप के कायिक भागों से नए पादप के उत्पादन का प्रक्रम ____ कहलाता है।

(ख) ऐसे पुष्पों को, जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है ___ पुष्प कहते हैं।

(ग) परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के परागकोश से वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण का प्रक्रम ____ कहलाता है।

(घ) नर और मादा युग्मकों का युग्मन ___ कहलाता है।

(च) बीज प्रकीर्णन ___, ___ और ___ के द्वारा होता है।

उत्तर :

(क) जनक पादप के कायिक भागों से नए पादप के उत्पादन का प्रक्रम कायिक प्रवर्धन कहलाता है।

(ख) ऐसे पुष्पों को, जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है एकलिंगी पुष्प कहते हैं।

(ग) परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के परागकोश से वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण का प्रक्रम परागण कहलाता है।

(घ) नर और मादा युग्मकों का युग्मन लैंगिक जनन कहलाता है।

(च) बीज प्रकीर्णन पवन, जल और जंतुओं के द्वारा होता है।

2. अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।

उत्तर : अलैंगिक जनन पादप में जनन की वह विधि है जिसमें नए पौधे बीजों अथवा बीजाणुओं के बिना ही उगाए जाते हैं। यह कई प्रकार के होते हैं जैसे

  1. कायिक प्रवर्धन
  2. मुकुलन
  3. खंडन
  4. बीजाणु निर्माण
  • कायिक प्रवर्धन: पादप के कायिक भागों जैसे मूल, तना, पत्ती अथवा कली के द्वारा नए पादप को प्राप्त करना कायिक प्रवर्धन कहलाता है। उदाहरण : गुलाब अथवा चंपा के पौधे की एक शाखा को उसकी पर्वसंधि (वह भाग जहां से पत्ती निकलती है) से काटकर यदि बो दिया जाए तो उससे एक नया पौधा निकल आता है।
  • मुकुलन: मुकुलन एक ऐसा अलैंगिक जनन है जिसे हम yeast (एककोशिकीय जीव) में माइक्रोस्कोप की सहायता से देख सकते हैं। इसमें उचित वातावरण और पर्याप्त पोषण में yeast कुछ ही घंटे में जनन करने लगते हैं। जनन प्रक्रिया में yeast कोशिका से छोटे-छोटे मुकुल या कली निकलते हैं जो बाद में वृद्धि करके जनन कोशिका से अलग हो जाते हैं और नयी कोशिका का निर्माण करते हैं।
  • खंडन: जब शैवाल को जल और पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं तो यह खंडन विधि द्वारा तेजी से वृद्धि करते हैं। शैवाल दो या दो से अधिक खण्डों में विभाजित होने लगते हैं और प्रत्येक खंड एक नए जीव में वृद्धि कर जाता है। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती हैं। उदाहरण : स्पाइरोगाइरा
  • बीजाणु निर्माण: जब पौधे में से बीजाणु निरमुक्त होते हैं तो यह वायु में तैरते रहते हैं। हल्के होने के कारण यह लंबी दूरी तक जा सकते हैं। प्रत्येक बीजाणु एक कठोर सुरक्षात्मक आवरण से ढका रहता है जिससे यह लंबे समय तक जीवित रहे और जब इन्हें अंकुरित होने के लिए अनुकूल स्थिति मिले तब यह अंकुरित होकर नए जीव में विकसित हो जाए। उदाहरण: माॅस  तथा फर्न जैसे पौधों में जनन बीजाणु द्वारा ही होता है।

3. पादपों में लैंगिक जनन के प्रक्रम को समझाइए।

उत्तर : पादपो में लैंगिक जनन के लिए जनन अंग होते हैं। यह जनन अंग पुष्प होते हैं। नर जनन अंगों को पुंकेसर तथा मादा जनन अंगों को स्त्रीकेसर कहा जाता है। ऐसे पुष्प जिनमें केवल पुंकेसर या स्त्रीकेसर पाया जाता है उसे एकलिंगी पुष्प कहते हैं तथा जिस पुष्प में पुंकेसर और स्त्रीकेसर दोनों पाया जाता है उसे द्विलिंगी पुष्प कहते हैं।

  • पुंकेसर में परागकोष तथा तंतु होते हैं। परागकोष में पराग कणों का होते हैं जो नर युग्मक को बनाते हैं।
  • स्त्रीकेसर में वर्तिकाग्र, वर्तिका तथा अंडाशय होते हैं अंडाशय में बीजांड होते हैं जिनकी संख्या एक या एक से अधिक हो सकती हैं। मादा युग्मक का निर्माण बीजांड में होता है।
  • जब नर और मादा युग्मकों का युग्मन होता है तो इससे युग्मनज़ बनता है। यह प्रक्रिया ही लैंगिक जनन कहलाती है।

4. अलैंगिक और लैंगिक जनन के बीच प्रमुख अंतर बताइए।

उत्तर: अलैंगिक और लैंगिक जनन के बीच प्रमुख अंतर निम्नलिखित हैं :

अलैंगिक जनन लैंगिक जनन

अलैंगिक जनन में पादप बिना बीजों के द्वारा ही नए पादप को उत्पन्न कर सकते हैं।

लैंगिक जनन में नए पादपो को बीजों से ही प्राप्त किया जाता है।

अलैंगिक जनन में जनन के कई विधियां होती हैं। जैसे: कायिक प्रवर्धन, मुकुलन, खंडन, बीजाणु निर्माण लैंगिक जनन में जनन केवल लैंगिक अंगों द्वारा ही हो सकता है।
अलैंगिक जनन द्वारा पौधों को कम समय में उगाया जा सकता है। लैंगिक जनन द्वारा पौधों को बीजों द्वारा उगाया जाता है जिससे पौधों में फल तथा फूल देर से आते हैं।
अलैंगिक जनन द्वारा उगाए गए पौधे जनक पादप की यथार्थ प्रतिलिपि होते हैं क्योंकि वह एक ही जनक द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं। लैंगिक जनन से उत्पन्न हुए पौधों में दोनों जनकों के गुण होते हैं।

5. किसी पुष्प का चित्र खींचकर उसमें जनन अंगों को नामांकित कीजिए।

उत्तर : पुष्प में जनन अंग

पादप में जनन | प्रश्न - उत्तर कक्षा 7 NCERT

6. स्व-परागण और पर परागण के बीच अंतर बताइए।

उत्तर : परागकणों का पराकोष से पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुंचना परगना कहलाता है। यदि परगना इस पुष्प के वर्तिकाग्र पर गिरते हैं तो इसे स्वपरागण कहते हैं यदि पुष्प के परागण इस पौधे के किसी अन्य पुष्प के वर्तिकागर पर पहुंचते हैं तो इस पर-परागण कहते हैं।

7. पुष्पों में निषेचन का प्रक्रम किस प्रकार संपन्न होता है?

उत्तर : पुष्पों में नर तथा मादा युग्मकों के संयोग से कुछ कोशिकाएं बनती हैं जिस युग्मनज कहते हैं। युग्मनज बनाने के लिए जब नर और मादा युग्मकों का युग्मन होता है तो इस प्रक्रम को निषेचन कहते हैं। बाद में यह युग्मनज भ्रूण में विकसित हो जाता है।

8. बीजों के प्रकीर्णन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।

उत्तर : पौधों के बीजों का एक स्थान से दूसरे स्थान अलग-अलग माध्यमों से पहुंचना बीजों का प्रकीर्णन कहलाता है। प्रकृति में पादपो के फलों तथा बीजों का प्रकीर्णन पवन, जल तथा जंतुओं द्वारा होता है।

  • पवन द्वारा बीजों का प्रकीर्णन: सहजन तथा द्विफल जैसे पादपो में पंखयुक्त बीज, घास के हल्के बीज हल्के तथा सूरजमुखी के रोमयुक्त फल, यह सभी हल्के होते हैं जो पवन के साथ उड़कर दूर स्थान तक चले जाते हैं।
  • जल द्वारा बीजों का प्रकीर्णन: कुछ भेजो तथा फलों के आवरण स्पंजी तथा तंतु में होते हैं जो जल में तैरते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक चले जाते हैं जैसे नारियल।
  • जंतुओं द्वारा बीजों का प्रकीर्णन: कुछ बीज कांटेदार होते हैं जिनमें हुक जैसी संरचनाएं होती हैं। यह बीज जंतुओं के शरीर से चिपक जाते हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच जाते हैं। उदाहरण: यूरेना और जैन्थियम।

9. कॉलम A में दिए गए शब्दों का कॉलम B में दिए गए जीवों से मिलान कीजिए-

कॉलम A कॉलम B
(क) कली/मुकुल (i) मैपिल
(ख) आँख (ii) स्पाइरोगाइरा
(ग) खंडन (iii) यीस्ट
(घ) पंख (iv) डबलरोटी की फफूँद
(च) बीजाणु (v) आलू
  (vi) गुलाब

उत्तर:

कॉलम A कॉलम B
(क) कली/मुकुल (iii) यीस्ट
(ख) आँख (v) आलू
(ग) खंडन (ii) स्पाइरोगाइरा
(घ) पंख (i) मैपिल
(च) बीजाणु (iv) डबलरोटी की फफूँद
(छ) कायिक प्रवर्धन (vi) गुलाब

10. सही विकल्प पर निशान लगाइए-

(क) पादप का जनन भाग होता है, उसका

(i) पत्ती अथवा पर्ण
(ii) तना
(iii) मूल
(iv) पुष्प

उत्तर : (iv) पुष्प

(ख) नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता है-

(i) निषेचन
(ii) परागण
(iii) जनन
(iv) बीज निर्माण

उत्तर : (i) निषेचन

(ग) परिपक्व होने पर अंडाशय विकसित हो जाता है-

(i) बीज में
(ii) पुंकेसर में
(iii) स्त्रीकेसर में
(iv) फल में

उत्तर : (iv) फल में

(घ) बीजाणु उत्पन्न करने वाला एक पादप जीव है-

(i) गुलाब
(ii) डबलरोटी का फफूँद
(iii) आलू
(iv) अदरक

उत्तर : (ii) डबलरोटी का फफूँद

(च) ब्रायोफिलम अपने जिस भाग द्वारा जनन करता है, वह है-

(i) तना
(ii) पत्ती
(iii) मूल
(iv) पुष्प

उत्तर : (ii) पत्ती

Exit mobile version