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अपशिष्ट जल की कहानी | प्रश्न – उत्तर कक्षा 7 NCERT

अपशिष्ट जल की कहानी | प्रश्न – उत्तर कक्षा 7 NCERT

पाठ 13- अपशिष्ट जल की कहानी

कक्षा 7 - अभ्यास कार्य

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) जल को स्वच्छ करना ___ को दूर करने का प्रक्रम है।

(ख) घरों द्वारा निर्मुक्त किए जाने वाला अपशिष्ट जल ___ कहलाता है।

(ग) शुष्क ___ का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।

(घ) नालियाँ ___ और ___ के द्वारा अवरुद्ध हो जाती है।

उत्तर :

(क) जल को स्वच्छ करना प्रदूषण को दूर करने का प्रक्रम है।

(ख) घरों द्वारा निर्मुक्त किए जाने वाला अपशिष्ट जल वाहित मल कहलाता है।

(ग) शुष्क आपंक का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।

(घ) नालियाँ तेल और वसा के द्वारा अवरुद्ध हो जाती है।

2. वाहित मल क्या है? अनुपचारित वाहित मल को नदियों अथवा समुद्र में विसर्जित करना हानिकारक क्यों है, समझाइए।

उत्तर : घरों, उद्योगों, अस्पतालों कार्यालय और अन्य उपयोगों के बाद प्रवाहित किया जाने वाले अपशिष्ट जल को वाहित मल कहते हैं। वाहित मल द्रवरूपी अपशिष्ट होता है। इसमें अधिकांश जल होता है जिसमें घुले हुए और निलंबित अपद्रव्य होते हैं। इसमें वर्ष का जल भी सम्मिलित होता है जो तेज वर्षा के समय गलियों में बहता है और अपने साथ हानिकारक पदार्थों को बहा कर ले आता है।

अनौपचारिक वाहित मल को नदियों तथा समुद्र में विसर्जित करना हानिकारक है क्योंकि यह एक जटिल मिश्रण होता है। इसमें निलंबित ठोस, कार्बनिक और अकार्बनिक अशुद्धियां, पोषक तत्व, मृत्तजीवी और रोग वाहक जीवाणु तथा सूक्ष्म जीव होते हैं। यदि इन्हें सीधे नदियों और समुद्र में विसर्जित कर दिया जाए तो इनका पानी गंदा हो जाएगा जिससे कई बीमारियां फैल सकती है और समुद्री जीवों के लिए भी यह हानिकारक होता है।

3. तेल और वसाओं को नाली में क्यों नहीं बहाना चाहिए? समझाइए।

उत्तर : तेल और वसाओं को नाली में नहीं बहाना चाहिए क्योंकि यह पाइपों में कठोर पदार्थ की परत जमा देते हैं जिससे वह अवरुद्ध हो सकते हैं। खुली नाली में वसा मृदा के रन्ध्रों को बंद कर देती है जिससे उसकी जल को फिल्टर करने की प्रभावित कम हो जाती है।

4. अपशिष्ट जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने के प्रक्रम में सम्मिलित चरणों का वर्णन करिए।

उत्तर: अपशिष्ट जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने में भौतिक रासायनिक और जैविक प्रक्रम शामिल होते हैं यह जल को संदूषित करने वाले भौतिक रासायनिक और जैविक पदार्थ को अलग करने में सहायता करते हैं। इसके चरण निम्नलिखित है:

  • सबसे पहले अपशिष्ट जल को शलाका छन्ने (बार स्क्रीन) से गुजारा जाता है। इससे अपशिष्ट जल में उपस्थित कपड़ों के टुकड़े, डंडियाँ, डिब्बे, प्लास्टिक के पैकेट, नैपकिन आदि जैसे बड़े संदूषक अलग हो जाते हैं।
  • इसके बाद वाहित अपशिष्ट जल को एक टंकी में लाया जाता है जिससे ग्रिट और बालू अलग हो सके। इस टंकी में अपशिष्ट जल को कम प्रवाह से छोड़ा जाता है, जिससे उसमें उपस्थित बालू, ग्रिट और कंकड़-पत्थर उसकी पेंदी में बैठ जाते हैं।
  • अब जल को एक ऐसी बड़ी टंकी में ले जाया जाता है, जिसका पेंदा मध्य भाग की ओर ढलान वाला होता है। जल को इस टंकी में कई घंटों तक रखा जाता है, जिससे मल जैसे ठोस उस की तली के मध्य भाग में बैठ जाते हैं। इन अशुद्धियों को खुरच कर बाहर निकाल दिया जाता है। यह आपंक (स्लज) होता है। आपंक को एक पृथक् टंकी में स्थानांतरित किया जाता है, जहाँ यह अवायवीय जीवाणुओं द्वारा अपघटित हो जाता है।
  • निर्मलीकृत जल में पंप द्वारा वायु को गुजारा जाता है, जिससे उसमें वायवीय जीवाणुओं की वृद्धि होती है। ये जीवाणु निर्मलीकृत जल में अब भी बचे हुए मानव अपशिष्ट पदार्थों, खाद्य अपशिष्ट, साबुन और अन्य अवांछित पदार्थों का उपभोग कर उसे साफ़ कर देते हैं।

इसके बाद कुछ घंटे के लिए जल को ऐसे ही छोड़ दिया जाता है जिससे इसमें पड़े सूक्ष्मजीव टंकी की पेंदी में बैठ जाते हैं और विशेष भाग से जल को निकाल दिया जाता है। यह आपंक लगभग 97% जल होता है। इस उपचारित जल में अल्प मात्रा में कार्बनिक पदार्थ और निलंबित तत्व होते हैं। जिसे बाद में समुद्र, नदी अथवा भूमि में विसर्जित कर दिया जाता है।

5. आपंक क्या है? समझाइए कि इसे कैसे उपचारित किया जाता है।

उत्तर : अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र में जब मल जैसे ठोस अपशिष्ट टैंक की तली के मध्य भाग में बैठ जाते हैं तो इन अशुद्धियों को खुरच कर बाहर निकाल दिया जाता है जिसे आपंक (स्लज) कहा जाता है।

आपंक को उपचारित करने के लिए इसे एक पृथक् टंकी में स्थानांतरित किया जाता है, जहाँ यह अवायवीय जीवाणुओं द्वारा अपघटित हो जाता है। इस प्रक्रम में बायोगैस (जैव गैस) उत्पन्न होती है जिसका उपयोग ईंधन के रूप में अथवा विद्युत उत्पादन के लिए किया जा सकता है।

6. अनुपचारित मानव मल एक स्वास्थ्य संकट है। समझाइए।

उत्तर : अनौपचारिक मानव मल एक स्वास्थ्य संकट इसलिए है क्योंकि यह जल और मिट्टी को प्रदूषित करता है। यह जल जनित रोगों का सबसे सुगम पथ बन जाता है इससे हैजा, टाइफाइड, पोलियो, मेनिनजाइटिस, हेपेटाइटिस जैसे रोग हो सकते हैं।

7. जल को रोगाणुनाशित (रोगाणुमुक्त) करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दो रसायनों के नाम बताइए।

उत्तर : क्लोरीन तथा ओजोन

8. अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र में शलाका छन्नों के कार्यों को समझाइए।

उत्तर : अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र में शलाका छन्ने अपशिष्ट जल में उपस्थित कपड़ों के टुकड़े, डंडियाँ, डिब्बे, प्लास्टिक के पैकेट, नैपकिन आदि जैसे बड़े साइज़ के संदूषक को अलग करने में सहायता करते हैं।

9. स्वच्छता और रोग के बीच संबंध को समझाइए।

उत्तर : स्वच्छता और रोग एक दूसरे से सम्बंधित हैं क्योंकि स्वच्छता की कमी से कई रोग उत्पन्न हो सकते हैं। हमारी जनसंख्या का बड़ा भाग आज भी मल विसर्जन के लिए खुले स्थानों पर जाते हैं जिससे पीने का पानी दूषित हो जाता है। यह दूषित पानी पीने से लोगों में कई तरह की बीमारियां फैलने लगती हैं। इसलिए हमें अपने आसपास साफ़ सफाई रखनी चाहिए जिससे हम रोगों से दूर रहें।

10. स्वच्छता के संदर्भ में एक सक्रिय नागरिक के रूप में अपनी भूमिका को समझाइए।

उत्तर :स्वच्छता के संदर्भ में एक सक्रिय नागरिक के रूप में हमारी कई भूमिका हैं :

  • हमें खुले में शौच के लिए नहीं जाना चाहिए।
  • सार्वजानिक स्थलों को साफ़ रखना चाहिए।
  • हमें कहीं भी कूड़ा नहीं फेंकना चाहिए इसे हमेशा कूड़ेदान में ही फेंकना चाहिए।

11. प्रस्तुत वर्ग पहेली को दिए गए संकेतों की सहायता से हल कीजिए।

संकेत

बाएँ से दाएँ

2. वाहित मल उपचार संयंत्र से प्राप्त गैसीय उत्पाद

4. इस प्रक्रम में प्रदूषित जल से वायु को गुजारा जाता है।

7. वाहित मल ले जाने वाले पाइपों की व्यवस्था

8. उपयोग के बाद नालियों में बहता जल

ऊपर से नीचे

1. जल उपचार में रोगाणु‌नाशन के लिए प्रयुक्त एक रसायन

3. यह सूक्ष्मजीव, जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में जैव पदार्थों का विघटन करते हैं।

5. संदूषित जल

6. वह स्थान, जहाँ वाहित मल से प्रदूषक पृथक् किए जाते हैं।

9. अनेक व्यक्ति इसका विसर्जन खुले स्थानों में करते हैं।

उत्तर :

  1. जल उपचार में रोगाणु‌नाशन के लिए प्रयुक्त एक रसायन: ओजोन
  2. वाहित मल उपचार संयंत्र से प्राप्त गैसीय उत्पाद: बायोगैस
  3. यह सूक्ष्मजीव, जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में जैव पदार्थों का विघटन करते हैं: अवायवीय जीवाणु
  4. इस प्रक्रम में प्रदूषित जल से वायु को गुजारा जाता है: वातन
  5. संदूषित जल: अपशिष्ट जल
  6. वह स्थान, जहाँ वाहित मल से प्रदूषक पृथक् किए जाते हैं: उपचार संयंत्र
  7. वाहित मल ले जाने वाले पाइपों की व्यवस्था: सीवर
  8. उपयोग के बाद नालियों में बहता जल: वाहित मल
  9. अनेक व्यक्ति इसका विसर्जन खुले स्थानों में करते हैं: मल

12. ओजोन के बारे में निम्नलिखित वक्तव्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए।

उत्तर :

(क) यह सजीव जीवों के श्वसन के लिए अनिवार्य है।
(ख) इसका उपयोग जल को रोगाणु रहित करने के लिए किया जाता है।
(ग) यह पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है।
(घ) वायु में इसका अनुपात लगभग 3% है।

इनमें से कौन-से वक्तव्य सही है-

(i) (क), (ख) और (ग)
(ii) (ख) और (ग)
(iii) (क) और (ग)
(iv) सभी चार

उत्तर : (ii) (ख) और (ग)

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