NCERT Class 6 Chapter 8 – शरीर में गति New Syllabus
NCERT Class 6 के नए पाठ्यक्रम के आधार पर विद्यार्थियों के लिए यहाँ बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। इन बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर पाठ को और अच्छी तरह से याद कर सकते हैं।
Chapter 8 – शरीर में गति
- मानव कंकाल अस्थि तथा उपस्थिति से मिलकर बना होता है। यह हमारे शरीर का पिंजर बनता है और इसे एक आकृति प्रदान करता है। कंकाल हमें चलने में सहायता प्रदान करता है और हमारे आंतरिक अंगों की सुरक्षा भी करता है।
- मानव कंकाल खोपड़ी, मेरुदंड, पसलियां, वक्ष की अस्थि, कंधे एवं श्रेणी मेखला तथा हाथ पांव की अस्थियों से मिलकर बनता है।
- मानव के शरीर में पेशियां के जोड़े के एकांतर क्रम में सिकुड़ने एवं फैलने से अस्थियां गति करती हैं।
- अस्थियों की संधि अनेक प्रकार की होती है जो उस संधि की प्रकृति और गति की दिशा पर निर्भर करती है।
- सर्प अपने शरीर के दोनों और एकांतर क्रम में वलय बनता है और यह वलय बनाते हुए भूमि पर वलयाकार गति करता हुआ आगे की ओर बढ़ता है इसके शरीर में उपस्थित बहुत सारी अस्थियां एवं उनसे जुड़ी पेशियां इसके शरीर को आगे की ओर धक्का देती है।
- तिलचट्टे का शरीर एवं पैर कठोर आवरण से ढका होता है जो इसका बाह्य कंकाल बनता है। इसकी वक्ष की पेशियां तीन जोड़ी पैरों एवं दो जोड़ी पंखों से जुड़ी होती है जो तिलचट्टे को चलने एवं उड़ाने में मदद करती हैं।
- केंचुए के शरीर में गति उसके शरीर की पेशियां के बारी-बारी से विस्तरण एवं संकुचन से होती है।
MCQ on NCERT Class 6 Solution Chapter 8 – शरीर में गति

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