पाठ 1- समानता
कक्षा 7 - अभ्यास कार्य
1. लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर : लोकतन्त्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि देश में हर व्यक्ति के पास समानता का अधिकार है और हर वयस्क नागरिक के पास अपना वोट का अधिकार होता है जिसके आधार पर वह अपनी सरकार चुन सकता है।
2. बॉक्स में दिए गए संविधान के अनुच्छेद 15 के अंश को पुनः पढ़िए और दो ऐसे तरीके बताइए, जिनसे यह अनुच्छेद असमानता को दूर करता है?
उत्तर :संविधान के अनुच्छेद 15 के अंश के अनुसार
- कोई भी राज्य किसी भी नागरिक के साथ किसी धर्म जाति, वंश, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर कोई विभेद नहीं होगा।
किसी भी दुकान, - सार्वजनिक भोजनालय, होटल अथवा मनोरंजन के स्थान पर किसी व्यक्ति को उसकी जाति तथा लिंग के आधार पर प्रवेश से वंचित नहीं किया जाएगा।
3. "कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर है" इस कथन से आप क्या समझते हैं? आपके विचार से यह लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर : “कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर हैं” इस कथन से हम यह समझते हैं कि कोई भी नागरिक चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि का हो किसी भी जाति का हो किसी भी धर्म का हो उस कानून का पालन समान रूप से करना होगा। उसके साथ किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।
यह लोकतंत्र में महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि लोकतंत्र का सार ही समानता है। यहां सभी व्यक्ति को समान माना जाता है।
4. दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016, के अनुसार उनको समान अधिकार प्राप्त हैं और समाज में उनकी पूरी भागीदारी संभव बनाना सरकार का दायित्त्व है। सरकार को उन्हें निःशुल्क शिक्षा देनी है और विकलांग बच्चों को स्कूलों की मुख्यधारा में सम्मिलित करना है। कानून यह भी कहता है कि सभी सार्वजनिक स्थल, जैसे भवन, स्कूल आदि में ढलान बनाए जाने चाहिए, जिससे वहाँ विकलांगों के लिए पहुंचना सरल हो।
चित्र को देखिए और उस बच्चे के बारे में सोचिए, जिसे सीढ़ियों से नीचे लाया जा रहा है। क्या आपको लगता है कि इस स्थिति में उपर्युक्त कानून लागू किया जा रहा है? वह भवन में आसानी से आ-जा सके, उसके लिए क्या करना आवश्यक है? उसे उठाकर सीढ़ियों से उतारा जाना, उसके सम्मान और उसकी सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर: नहीं इस स्थिति में उपर्युक्त कानून लागू नहीं किया जा रहा है क्योंकि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अनुसार हर दिव्यांग व्यक्ति को समानता का अधिकार प्राप्त है। इस नियम के अनुसार यहां भवन में विकलांग बच्चों तथा व्यक्तियों के आने जाने के लिए ढलान बनाया जाना चाहिए था जिससे उन्हें आने-जाने में सरलता हो। इस चित्र में जिस तरह उसे बालक को उसकी व्हीलचेयर सहित उठाकर सीढियों से उतारा जा रहा है वह खतरनाक हो सकता है। इससे उसे चोट भी लग सकती है। यह उसकी सुरक्षा को प्रभावित करता है।