संचार माध्यमों को समझना | प्रश्न – उत्तर कक्षा 7 NCERT

पाठ 6 - संचार माध्यमों को समझना

कक्षा 7 - अभ्यास कार्य

1. प्रजातंत्र में संचार माध्यम किस प्रकार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?

उत्तर : प्रजातंत्र में संचार माध्यम निम्न प्रकार से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

  • संचार माध्यमों के द्वारा जनता को देश दुनिया के सभी जानकारी प्राप्त होती है।
  • इसके द्वारा वे सरकार के सभी निर्णयों के बारे में जान सकती है।
  • संचार माध्यमों के द्वारा पक्ष व विपक्ष दोनों की नीतियां तथा कार्य लोगों के सामने आते हैं।

2. क्या आप इस रेखाचित्र को एक शीर्षक दे सकते हैं? इस रेखाचित्र से आप संचार माध्यम और बड़े व्यापार के परस्पर संबंध के बारे में क्या समझ पा रहे हैं?

उत्तर : इस रेखाचित्र का शीर्षक हो सकता है “उद्यमियों का संचार माध्यम द्वारा व्यापार”। आज कल किसी भी नए उत्पाद को बाजार में भेजने के लिए बड़े-बड़े उद्यमी विज्ञापनों का सहारा लेते हैं। इन विज्ञापनों में वह अपने नए उत्पाद को लोगों के सामने ऐसे प्रस्तुत करते हैं जिससे उपभोक्ता उसे खरीदने के लिए उत्सुक हो जाता है और व्यापारी की बिक्री बढ़ती है।

3. आप पढ़ चुके हैं कि संचार माध्यम किस प्रकार एजेंडा बनाते हैं। इनका प्रजातंत्र में क्या प्रभाव पड़ता है? अपने विचारों के पक्ष में दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर: हम यह जानते हैं कि संचार माध्यमों द्वारा किसी भी खबर का संतुलित विवरण मिलना असंभव है। इसके कई कारण हो सकते हैं। लेकिन कई बार इनके कारण बहुत सी जरूरी जानकारी लोगों तथा सरकार तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है इनमें से कुछ कारणों का विवरण इस प्रकार है:

  • पीने के पानी जैसी एक बड़ी समस्या के मुद्दों पर समाचार पत्रों का बहुत कम ध्यान देना। प्रतिवर्ष हजारों गरीब लोग पीने के पानी को लेकर बहुत कष्ट सहते हैं और इसकी कमी के कारण मर भी जाते हैं।
  • मुंबई में जब कई झोंपड़ियों को गिरा दिया गया था तो किसी ने भी किसी भी समाचार पत्र ने उस पर ध्यान नहीं दिया क्योंकि उस समय वह मशहूर डिजाइनर के फैशन वीक के बारे में लिख रहे थे और उसे अखवार के पहले पृष्ठ पर जगह दी जिससे किसी को भी उस घटना की जानकारी नहीं मिल सकी।

4. कक्षा परियोजना के रूप में समाचारों में से कोई एक शीर्षक चुनकर उस पर ध्यान केंद्रित कीजिए और अन्य समाचारपत्रों में से उससे संबंधित विवरण छाँटिए। दूरदर्शन समाचार पर भी इस विषय पर प्रसारित सामग्री देखिए। दो समाचारपत्रों के विवरण की तुलना करके उनमें समानता और भिन्नता की रिपोर्ट लिखिए। निम्नलिखित प्रश्न पूछना सहायक हो सकता है -

(क) इस लेख में क्या जानकारी दी जा रही है?

(ख) कौन-सी जानकारी इसमें छोड़ दी गई है?

(ग) यह लेख किसके दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर लिखा गया है?

(घ) किसके दृष्टिकोण को छोड़ दिया गया है और क्यों?

न्यूज़ इंडिया की रिपोर्ट इंडिया डेली की न्यूज़ रिपोर्ट 
प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों पर वज्रपात। विरोधिय द्वारा चक्काजाम, यातायात रुका कारखानों के बंद होने से घोर अशांति 
कारखानों के मालिकों और मज़दूरों के हिंसात्मक विरोध ने आज शहर की गतिविधियों को रोककर रख दिया। सड़कों पर वाहनों के विशाल जाम लगने के कारण लोग समय से अपने काम पर नहीं पहुँच सके। कारखाना मालिक और मजदूर, सरकार के प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को बंद करने के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। यद्यपि सरकार ने यह निर्णय कुछ जल्दबाजी में लिया है, परंतु विरोधियों को काफ़ी समय से यह पता था कि उनकी इकाइयाँ गैरकानूनी हैं। इन इकाइयों के बंद होने से शहर में प्रदूषण का स्तर काफ़ी कम हो जाएगा। शहर के गणमान्य नागरिक श्री जैन ने कहा, “हमारा शहर, भारत के नए व्यावसायिक केंद्र के रूप में स्थापित होता जा रहा है। इसके साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि शहर साफ़ और हरा-भरा रहे। प्रक्षण फैलाने वाले कारखानों को हटाया जाना चाहिए। विरोध करने के स्थान पर कारखानों के मालिकों व कामगारों को पुनर्स्थापन का प्रस्ताव स्वीकार कर लेना चाहिए।”शहर के आवासीय क्षेत्र में एक लाख कारखानों का बंद होना एक गंभीर समस्या का रूप ले सकता है। सोमवार को हज़ारों कारखाना मालिक व कामगार, कारखाना बंदी पर अपना कड़ा विरोध जताने के लिए सड़कों पर उतर आए। उन्होंने कहा कि इससे उनकी रोजी-रोटी छिन जाएगी। उनका कहना है कि गलती नगर निगम की है, क्योंकि वह आवासीय क्षेत्रों में लगातार नए कारखाने लगाने के लाइसेंस देता रहा। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पुनर्स्थापन के लिए पर्याप्त प्रयत्न नहीं किए गए। कारखानों के मालिकों व मज़दूरों ने कारखाने ‘बंद’ करवाने के विरोध में शहर में एक दिन का ‘बंद’ प्रस्तावित किया है। एक कारखाने के मालिक श्री शर्मा ने कहा, “सरकार कहती है कि उसने हमारे पुनर्स्थापन के लिए बहुत कार्य किया है, लेकिन जिस प्रकार के क्षेत्र वह हमें दे रही है, वहाँ किसी प्रकार की सुविधाएँ नहीं हैं और पिछले पाँच वर्षों में वहाँ कोई विकास कार्य नहीं हुआ है।” 

उत्तर:

(क) इस लेख द्वारा यह बताया गया है कि आवासीय क्षेत्र में खुले हुए कारखाने से होने वाले प्रदूषण के कारण उन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया है इसके विरोध में कारखाने के मालिक और मजदूर हिंसात्मक विरोध कर रहे हैं। 

(ख) न्यूज़ ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में कारखाने से फैलने वाले प्रदूषण से होने वाले दुष्परिणों के बारे में नहीं बताया गया है जबकि दूसरी न्यूज़ रिपोर्ट इंडिया डेली की रिपोर्ट के अनुसार यह बताया गया है कि कारखाने और मजदूरों का विरोध करना उचित है। 
(ग) दोनों रिपोर्ट में कारखानों से संबंधित ख़बरों के बारे में लिखा गया है। न्यूज़ ऑफ़ इंडिया के रिपोर्ट में कारखाना के बंद होने पर मजदूरों द्वारा विरोध करने से सड़कों पर लगने वाले जाम के बारे में बताया गया है जबकि इंडिया डेली की रिपोर्ट में कारखाने के मालिक और मजदूर की प्रतिक्रिया के संबंध में खबर दी गई है। 
(घ) दोनों अखबारों के रिपोर्ट में कुछ दृष्टिकोण को छोड़ दिया गया है क्योंकि कुछ संचार माध्यम स्वतंत्र नहीं होते हैं अतः उनके द्वारा दिए जाने वाले समाचारों को कई लोग नियंत्रित और प्रभावित करते हैं जिस कारण में कई बार एक ही पक्ष के खबरों को लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं। 

5. विज्ञापनों के प्रकार के बारे में (अकेले, जोड़ी या समूह में) प्रोजेक्ट बनाएँ। कुछ उत्पादों के बारे में वाणिज्यिक विज्ञापन एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य, सड़क सुरक्षा, जल व ऊर्जा को बचाने की जरूरत के बारे में सामाजिक विज्ञापन बनाएँ।

उत्तर: इस कार्य को छात्र स्वयं करें।

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