पल्साने व शर्मा अध्ययन संबंधी आदतों का परीक्षण- Psychological test
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पल्साने व शर्मा अध्ययन संबंधी आदतों का परीक्षण- Psychological test|B.Ed|hindi

अध्ययन संबंधी आदत परीक्षण का निर्माण एम. एन. पाल्साने तथा अनुराधा शर्मा ने किया। यह एक ऐसा परीक्षण है जिसके अंतर्गत छात्र के अध्ययन संबंधी आदतों जैसे समय नियोजन, भौतिक व्यवस्था,

अध्ययन की आदतों को कैसे विकसित करें (How to develop study habits)
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अध्ययन की आदतों को कैसे विकसित करें (How to develop study habits)

Table of Contents छात्रों की अध्ययन की आदतों को निम्नलिखित प्रकार से विकसित किया जा सकता हैं- योजनाबद्ध तरीके की आवश्यकता जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपनी सभी क्रियाओं को योजनाबद्ध तरीके से करें। सीखने वाला चाहे किसी भी उम्र का हो, यदि वह अपने समय की सूची

अध्ययन को प्रभावित करने वाले कारक (Factors affecting the study)
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अध्ययन को प्रभावित करने वाले कारक (Factors affecting the study)

Table of Contents कई लेखकों ने उन कारकों का वर्णन किया है, जो छात्रों के अध्ययन पर उपयुक्त अथवा अनुपयुक्त प्रभाव डालकर, उसको कम व अधिक मात्रा में प्रभावशाली व प्रभावहीन बनाने में प्रत्यक्ष योग दान देते हैं। रिस्क, बौसिंग, क्रो व क्रो ने निम्नलिखित कारक बताए हैं जो अध्ययन को प्रभावित करते हैं- 1.

अध्ययन के उद्देश्य तथा अध्ययन के प्रकार|in hindi
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अध्ययन के उद्देश्य तथा अध्ययन के प्रकार|in hindi

अध्ययन के लिए किसी प्रयोजन की आवश्यकता होती है और व्यक्ति अपने अध्ययन के परिणामस्वरूप जो कुछ सीखता है, वह अधिकांश रूप से इस बात पर निर्भर होता है

अध्ययन का अर्थ, परिभाषाएं, तथा विशेषताएँ| in hindi
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अध्ययन का अर्थ, परिभाषाएं, तथा विशेषताएँ| in hindi

अध्ययन का अर्थ (Meaning of study) वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत व्यक्ति जब दूसरों के अनुभवों को शब्दों, निरीक्षण, चिन्तन, मनन द्वारा ग्रहण करता है तथा उनका लाभ उठाता है अध्ययन (Study) कहलाती है। व्यक्ति हमेशा अध्ययनरत रहता है। यह आवश्यक नहीं कि वह केवल शब्दों का अध्ययन करे, वह व्यवहार का भी अध्ययन करता है। ज्ञान

हाईस्कूल व्यक्तित्व प्रश्नावली (H.S.P.Q.) -Psychological test
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हाईस्कूल व्यक्तित्व प्रश्नावली (H.S.P.Q.) -Psychological test

हाईस्कूल व्यक्तित्व प्रश्नावली (H.S.P.Q.) का निर्माण R. B. Cattell ने किया था। इसका भारतीय परिस्थितियों में परीक्षण एस. डी. कपूर ने किया है। इस परीक्षण का उपयोग 12 से 18 वर्ष के बच्चों पर किया गया है। वास्तव में ये परीक्षण अध्यापकों, निर्देशकों, चिकित्सकों एवं शोधकर्ताओं के लिए एक सहायक सामग्री है। यह एक मानकीकृत परीक्षण है

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