हाईस्कूल व्यक्तित्व प्रश्नावली (H.S.P.Q.) -Psychological test

हाईस्कूल व्यक्तित्व प्रश्नावली (H.S.P.Q.) का निर्माण R. B. Cattell ने किया था। इसका भारतीय परिस्थितियों में परीक्षण एस. डी. कपूर ने किया है। इस परीक्षण का उपयोग 12 से 18 वर्ष के बच्चों पर किया गया है। वास्तव में ये परीक्षण अध्यापकों, निर्देशकों, चिकित्सकों एवं शोधकर्ताओं के लिए एक सहायक सामग्री है। यह एक मानकीकृत परीक्षण है जिसे सामू‌हिक या व्यक्तिगत रुप से प्रशासित किया जा सकता है। इसके द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास का साधारण मापन संभव है। यह परीक्षण व्यक्तित्व के 14 कारकों का परीक्षण करता है। इन कारकों के माध्यम से ही विषयी में उपलब्ध नेतृत्व गुणों के बारे में भविष्यावावी की जा सकती है। इन परीक्षण के द्वारा बालक के व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं।

हाईस्कूल व्यक्तित्व प्रश्नावली (H.S.P.Q.) -Psychological test
  1. विश्वसनीयता – इस परीक्षण की विश्वसनीयता .74 से .91 है। यह 14 कारकों का मापन करता है तथा एक दिन बाद इसका पुनः परीक्षण करने पर भी इसकी विश्वसनीयता .72 से .73 प्राप्त हुई ।
  2. वैधता – इस परीक्षण की वैधता लड़कों व लड़‌कियों के लिए अलग-अलग है।

छात्रों के लिए –  .81 से .92 तक
छात्राओं के लिए –  .83 से .96 तक

परीक्षण के उद्देश्य

विषयी के व्यक्तित्व का मापन 14 कारकों के आधार पर करना ही इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य है।

सहायक सामग्री

हाईस्कूल व्यक्तित्व प्रश्नावली परीक्षण पुस्तिका, उत्तर प्रपत्र, स्टेन स्कोर शीट, स्टैंसिल कुंजी, परीक्षण नियमावली, पेंसिल, रबड़ आदि। 

सावधानियाँ

  1. परीक्षण प्रारम्भ करने से पूर्व परीक्षणशाला में पर्याप्त प्रकाश व शुद्ध हवा की व्यवस्था की गयी।
  2. प्रयोगशाला में विषयी के बैठने के लिए उचित व्यवस्था की गयी।
  3. यह भी सुनिश्चित किया गया कि प्रयोगशाला किसी बाह्य बाधा से प्रभावित न हो।
  4. विषयी की शारीरिक व मानसिक स्थिति का भी ध्यान रखा गया।

निर्देश

परीक्षण पुस्तिका में दिए गए निर्देशों को उच्च स्वर में पढ़ा गया। तथा विषयी को निर्देश दिया गया कि जब तक कहा न जाए तब तक पुस्तिका न खोले। इसके बाद विषयी से पूछा गया कि जो निर्देश प्रश्नावली के प्रथम पृष्ठ पर दिए गए हैं उसे पढ़ लिया। इसके पश्चात् विषयी से पूछा गया कि क्या उसने कवर पेज पर दिए गए उदाहरणों के उत्तर देने की विधि को समझ लिया। फिर विषयी को प्रश्न सं० 1 से उत्तर देते हुए परीक्षा को प्रारम्भ करने के लिए कहा गया। विषयी को बताया कि बॉक्स में (x) का चिन्ह लगाना है। कुछ समय बाद गया विषयी को समय का स्मरण कराया कि किस समय परीक्षण समाप्त होगा।

हाईस्कूल व्यक्तित्व प्रश्नावली (H.S.P.Q.) परीक्षण की प्रक्रिया

सर्वप्रथम विषयी से परीक्षण प्रारम्भ करने को कहा गया।10 से 30 मिनट बाद विषयी को सचेत किया गया कि अब तक उसने 35 प्रश्न तक हलकर लिए होंगे तो यदि विषयी ने 35 से ज्यादा हल किए हैं तो आप अधिक तेजी से काम कर रहे हैं और यदि इससे कम किए हैं तो उससे अपनी कार्य करने की गति को बढ़ाने के लिए कहा गया। परीक्षण समाप्त होने से 10 मिनट पूर्व उन्हें स्मरण कराया गया कि वो जल्दी अपना परीक्षण पूरा करे। इसके बाद समय समाप्त होने पर विषयी से प्रश्न पुस्तिका वापस ले ली गयी।

गणना

इस प्रक्रिया में गणना करने के लिए सर्वप्रथम उन्हें स्ट्रीमलाइन स्टेनसिल स्कोरिंग कुंजी (Streamline, Stencil scoring key) दी गयी। जो फॉर्म A व B के लिए एक ही है। उत्तर प्रपत्र व scoring Rey दोनों पर चेक स्टार बना होता है। इस प्रकार दोनों के स्टार को व्यवस्थित करते हुए दोनों scoring key से horizontal गणना करके (raw score) प्राप्तांक प्राप्त किए कुल 14 कारकों के। स्टेंसिल कुंजी से जो स्कोर प्राप्त किए उन्ही को 2 या 1 अंक दिया गया। इस‌ प्रकार एक horizontal स्तर (layer) की सभी संख्याओं को जोड़कर उस कारक का प्राप्तांक (raw score) निकाला गया। इसके बाद Sten score table से उन raw score का Sten score प्राप्त किया गया। तत्‌पश्चात् मेनुअल से टेबल-4 (conversion of sten score to centile) को देखकर sten Score का Centile ज्ञात किया गया। फिर हर कारक की व्याख्या की गयी।

नेतृत्व क्षमता (Leadership skill)

नेतृत्व के लिए समीकरण –

Leadership Potential= .2B + .2C + .1E + .4F + .4G + .4H – .2I + .1J – .4Q + .4Q3 – .2Q4 – 2.2

सृजनात्मक क्षमता (Creativity skill)

सृजनात्मकता व्यक्तित्व तथा व्यक्ति के स्वभाव व क्षमताओं से संबंधित होती है । HSPQ Profile इसके लिए Potential को प्राप्त करने या खोजने में मुख्य रूप से सहायता करता है। सृजनात्मकता ज्ञात करने के लिए निम्न समीकरण दी गयी है-

Creativity = -.2A + .4B + .2C + .2D + .3E – .4F – .4G + .2H + .4I + .1J – .3O + .1Q₂ + .1Q3 + 1.7

शैक्षिक महत्व

अध्यापकों के लिए

1. उचित शिक्षण विधि का चयन

प्रत्येक छात्र की अपनी अलग- अलग Personality होती होती है। इसलिए अध्यापकों को चाहिए कि वे छात्रों की व्यक्तित्व को समझ कर उनकी स्थिति तथा उनके व्यवाहार के अनुरूप ऐसी शिक्षाण विधि का चयन करें जिससे की मानसिक व बौद्धिक क्षमता का और विकास हो सके। शिक्षक को ऐसी शिक्षण विधि का चयन करना चाहिए जिससे कि छात्रों को अधिगम में सहायक हो तथा उनके संतुलित व्यक्तित्व विकास में सहायक हो।

2. पाठ्य सहगामी क्रियाओं के आयोजन में सहायक

विषय संबंधित ज्ञान के अलावा छात्रों के लिए पाठ्य सहगामी क्रियाओं को आयोजित करना भी आवश्यक कार्य है शिक्षक का। जिससे कि छात्रों का बहुमुखी विकास हो सके। बच्चों के व्यक्तित्व को ध्यान में रखते हुए उसकी रुचि व क्षमता के अनुसार, उनके लिए पाठ्य- सहगामी क्रियाओं का आयोजन किया जाना चाहिए जिससे छात्रों की सृजनात्मक शक्ति का भी विकास हो सके।

3. व्यैक्तिक भिन्नताओं का ज्ञान

प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तित्व भिन्न भिन्न होता है क्योंकि उनमें विभिन व्यवहारिक क्षमता, रुचि, नैतिक मूल्य व आदर्श आदि होते हैं। इसलिए शिक्षक इस परीक्षण का प्रयोग करके कक्षा में व्यक्तिक भिन्नता का ज्ञान कर सकता है तथा उसके अनुरुप वह अपनी पाठ योजना बना सकता है। जिससे कि छात्रों को अधिगम में कोई समस्या न हो।

4. उत्साहवर्धन

छात्रों की वैयक्तिक विभिन्नता या व्यक्तित्व का ज्ञान करके एक शिक्षक छात्रों को उनकी आदतों , व्यवहार आदि में सुधार व विकास करने के लिए प्रेरित भी कर सकता है। वह छात्रों का उत्साहवर्धन कर सकता है जो उनके (छात्रों) वृद्धि व विकास में सहायता करता है।

5. उपलब्धि स्तर को बढ़ाने में सहायक

शिक्षक इस परीक्षण का प्रयोग करके छात्रों के व्यक्तित्व के अनुरूप उनको निर्देश व सलाह दे सकते हैं। वे छात्रों की सृजनात्मक क्षमता का भी विकास कर सकते हैं। वे छात्रों के उपलब्धि स्तर को विकसित करने में सहायता कर सकते हैं।

6. निर्देशन व परामर्श में सहायक

इस परीक्षण के द्वारा एक शिक्षक को छात्रों को अधिगम के दौरान होने वाली समस्याओं का ज्ञान होता है। जिसके द्वारा वे छात्रों को काउंसिलिंग उपलब्ध करा सकते हैं। छात्रों को उचित परामर्श व निर्देश दे सकते हैं कि वे किस प्रकार अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। इससे छात्रों के उपलब्धि स्तर में भी वृद्धि होती है।

छात्रों के लिए

1. समायोजन में सहायक

इस परीक्षण के द्वारा, छात्रों को स्वयं के व्यक्तित्व का ज्ञान हो जाता है तथा फिर वो इसके अनुसार अपने व्यक्तित्व व व्यवहार में सुधार ला सकता है। इसके द्वारा वह कक्षा के वातावरण के साथ समायोजन बनाई में सहायता होती है छात्रों को।

2. व्यवसाय के चयन में सहायक

व्यक्तित्व परीक्षण छात्रों को उनके अनुकूल क्षमतानुसार व्यवसाय के चुनाव में सहायता प्रदान करती है। इसके द्वारा छात्र वो व्यवसाय चुनते हैं जो कि उनकी क्षमता व योग्यता के अनुसार हो तथा वे इसमें प्रगति कर सकें।

3. कार्य विभाजन में सहायक

व्यक्तित्व परीक्षण छात्रों को उनकी क्षमता‌ओं योग्यता‌ओं, आदतों के बारे में तथा रुचियों के बारे में ज्ञान प्राप्त करा सकता है। इसके आधार पर वे अपने कार्यों को विभाजित कर सकते हैं तथा उस विषय को चुन सकते हैं जिससे उनका सम्पूर्ण विकास सम्भव हो सकता है।

4. जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक

व्यक्तित्व परीक्षण द्वारा स्वयं के व्यक्तित्व को जानकर, एक व्यक्ति या छात्र अपने जीवन के लक्ष्यों को निर्धारित करने तथा उस उद्देश्य को प्राप्त करने में सक्षम बन सकता है। वह अपनी रुचि, क्षमताओं, योग्यताओं आदि के आधार पर अपने जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते हैं।

5. उपलब्धि स्तर को सुधारने में सहायक

छात्र अपने व्यक्तित्व को जानकर, उन विषयों को चुनने में सक्षम हो जाते हैं, जिससे कि उसके उपलब्धि स्तर में सुधार हो सके। वह अपने व्यवहार, आदतों, रुचियों आदि में आवश्यक सुधार करके अपने उपलब्धि स्तर में सुधार ला सकता है या उसे और बेहतर बना सकता है।

सुझाव

  1. विषयी के व्यक्तित्व परीक्षण से यह ज्ञात हो रहा है कि विषयी को अपने व्यक्तित्व में सुधार करने के लिए परामर्श और उसे प्रेरणा देने की आवश्यकता है।
  2. विषयी को चाहिए कि वो अपने व्यक्तित्व के विकास के लिए अधिक से अधिक गतिविधियों जैसे अन्य पाठ्य सहगामी क्रियाओं आदि में भाग लेना चाहिए।
  3. विषयी की नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए आवश्यक है कि वो समूह गतिविधियों जैसे – प्रोजेक्ट कार्य, नाटक इत्यादि में पूर्ण रूप से भाग ले। इससे उसके अंदर एक आत्मविश्वास की भावना सशक्त बनेगी।
  4. विषयी की सृजनात्मक क्षमता अच्छी है। इसके आधार पर वो कला के क्षेत्र में जैसे पेंटर आदि बनने के लिए कई विषयों जैसे- कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य, आदि को चुन सकती है।
  5. विषयी अपनी इच्छानुसार चित्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षण कार्य आदि व्यवसायों का चुनाव कर सकती है।

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