Class 12

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अरेखित पेशी, रेखित पेशी, तथा हृद् पेशी में अंतर

स्थिति, संरचना तथा कार्य के आधार पर पेशियाँ तीन प्रकार की होती हैं: अरेखित पेशी, रेखित पेशी, तथा हृद् पेशी। नीचे हम इन तीनों के बीच के अंतर के बारे में जानेंगे।  कॉर्डेट तथा नॉन-कॉर्डेट में अंतर अरेखित पेशी (Unstriped Muscle) रेखित पेशी (Striped Muscle) हृद् पेशी (Cardiac Muscle) अरेखित पेशी आंन्तरांगों जैसे- आमाशय, मूत्राशय, जनन […]

कॉर्डेट तथा नॉन-कॉर्डेट में अंतर (Differences between Chordates and Non-chordates)
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कॉर्डेट तथा नॉन-कॉर्डेट में अंतर (Differences between Chordates and Non-chordates)

कोर्डेटा शब्द का अर्थ में नोटोकॉर्ड रखने वाले जीव। कोर्डेटा शब्द सन 1880 में Balfour ने दिया था। कोर्डेटा संघ के जंतुओं में पूरे जीवन भर या जीवन की किसी एक अवस्थ में शरीर को सहारा देने हेतु पृष्ठ सतह पर लम्बी, लचीली, व दृढ छड़ पाई जाती हैं जिसे मेरुदंड या नोटोकॉर्ड कहते हैं।

यूकैरियोटिक तथा प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में अन्तर (Differences between Eukaryotic cells and Prokaryotic Cell)
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यूकैरियोटिक तथा प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में अन्तर (Differences between Eukaryotic cells and Prokaryotic Cell)

यूकैरियोटिक तथा प्रोकैरियोटिक दोनों कोशिकाएँ प्रकृति में पायी जाती हैं। प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं एक एककोशिकीय होती हैं। इसमें एकल-कोशिका वाला जीवाणु आते है जबकि यूकेरियोटिक कोशिका वाले जीवों में कई कोशिकाएं पाई जाती हैं, जिनमें अपना nucleus और organelles उपस्थित होते हैं। आइये इन दोनों कोशिकाओं के बीच के अंतर को जानते हैं : यूकैरियोटिक तथा

ग्राम पोजिटिव तथा ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया में अन्तर
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ग्राम पोजिटिव तथा ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया में अन्तर

ग्राम पोजिटिव तथा ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया ग्राम स्टेनिंग क्रिया के फलस्वरूप प्राप्त होती हैं। इस स्टेन का प्रयोग सर्वप्रथम जीवाणु वैज्ञानिक ग्राम (Gram) ने 1884 में किया। इस अभिरंजन के फलस्वरूप ग्राम पोजिटिव बैक्टीरिया अभिरंजित हो जाते हैं तथा ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया अभिरंजित नहीं होते हैं। नीचे हम इनके अंतर के बारे में जानेंगे। ग्राम

जीवाणु (Bacteria) तथा विषाणु (Virus) में अंतर
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जीवाणु (Bacteria) तथा विषाणु (Virus) में अंतर 

विज्ञान की शाखा जिसमें जीवाणु (Bacteria)की रचना, आकार, वर्गीकरण, वृद्धि, जनन आदि के बारे में अध्ययन किया जाता हैं जीवाणु विज्ञान कहलाता हैं। यह हमारे दैनिक जीवन को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। जीवाणु की खोज सर्वप्रथम हॉलैण्ड निवासी Antony van Leeuwenhoek ने 1632-1723 में की थी। इसके विपरीत वायरस प्रोटीन तथा

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