पंचायती राज | अभ्यास कार्य – कक्षा 6 NCERT

पाठ 5- पंचायती राज

- अभ्यास कार्य

1. हरदास गाँव के लोग किन समस्याओं का सामना कर रहे थे? उन्होंने अपनी समस्याएँ सुलझाने के लिए क्या किया?

उत्तर : हरदास गाँव के लोग पानी की समस्याओं का सामना कर रहे थे क्योंकि उनके गांव में पानी जमीन में बहुत नीचे चला गया था और लोगों को 3 किलोमीटर दूर सुरु नदी से पानी लाना पड़ता था। इन्होंने ग्राम सभा की बैठक बुलाई जिसमें सरपंच और पंच ने मिलकर इस समस्या का समाधान निकलने पर चर्चा की।

2. आपके विचार में ग्राम सभा का क्या महत्त्व है? क्या आपको लगता है कि सभी लोगों को ग्राम सभा की बैठक में भाग लेना चाहिए? क्यों?

उत्तर : ग्राम सभा पंचायत को मनमाने ढंग से काम करने से रोकते हैं वह यह देखती है कि ग्राम पंचायत पूरे गांव के हित में निष्पक्ष रूप से कम करें। साथ ही पैसों का दुरुपयोग या कोई गलत काम ना हो इस पर भी ग्राम सभा की निगरानी होती है।

ग्राम सभा का सदस्य बनने के लिए कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो, जिसे वोट देने का अधिकार प्राप्त हो और जिसका नाम मतदाता सूची में हो बन सकता है।

3. अपने क्षेत्र या अपने पास के ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत द्वारा किए गए किसी एक काम का उदाहरण लीजिए और उसके बारे में निम्नलिखित बातें पता कीजिए-

उत्तर: हमारे गांव में पानी की समस्या थी जिसे सुलझाने के लिए ग्राम सभा की बैठक बुलाई गई और यह निर्णय लिया गया:

(क) यह काम क्यों किया गया?
उत्तर: पानी की समस्या को सुलझाने के लिए

(ख) पैसा कहाँ से आया?
उत्तर: पंचायत से लिया गया।

(ग) काम पूरा हुआ या नहीं?
उत्तर: हाँ कुछ हद तक।

4. ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के बीच में क्या फ़र्क है?

उत्तर:

  • ग्राम सभा एक पंचायत के क्षेत्र में रहने वाले सभी वयस्कों की सभा होती है जबकि ग्राम पंचायत कई वार्डों में बंटी होती है।
  • ग्राम सभा में 18 वर्ष या उससे अधिक का कोई भी व्यक्ति हो सकता है जिसे वोट देने का अधिकार हो और उसका नाम गांव की मतदाता सूची में हो।
  • वार्ड पंच तथा सरपंच मिलकर ग्राम पंचायत का गठन 5 साल के लिए करते हैं।
  • ग्राम सभा ग्राम पंचायत से बड़ी होती है यह ग्राम पंचायत के काम को स्वीकृति देती है तभी पंचायत अपना काम कर पाती है।

5. नीचे दी गई खबर को पढ़िए और फिर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

चौफुला-शिरूर सड़क पर एक गाँव है निमोन। दूसरे गाँवों की तरह पिछले कई महीनों से इस गाँव में भी पानी की बहुत कमी चल रही है। गाँव वाले अपनी ज़रूरतों के लिए टैंकर पर निर्भर हैं। इस गाँव के भगवान महादेव लाड (35 वर्ष) को सात लोगों ने मिलकर डंडे, लोहे की छड़ से बहुत पीटा। इस घटना का पता तब चला जब कुछ लोग बुरी तरह से घायल लाड को इलाज के लिए अस्पताल लेकर आए। पुलिस की रपट में लाड ने लिखवाया कि उस पर हमला तब हुआ जब उसने टैंकर का पानी टंकी में भरने पर जोर दिया था। टंकी, निमोन ग्राम पंचायत की जल आपूर्ति योजना के तहत बनाई गई थी ताकि पानी का समान रूप से वितरण हो। परंतु लाड का आरोप था कि ऊँची जाति के लोग इस बात के खिलाफ थे। वे टैंकर के पानी पर दलित जातियों का अधिकार नहीं मानते थे।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर, 1 मई 2004

(क) भगवान लाड को पीटा क्यों गया था?

उत्तर: भगवान लाड को इसलिए पीटा गया क्योंकि वह टैंकर के पानी को टंकी में भरने पर जोर दे रहे थे।

(ख) क्या आपको लगता है कि यह एक भेदभाव का मामला है? क्यों?

उत्तर:  हां यह एक भेदभाव का मामला है। जब लाड ने टैंकर के पानी को टंकी में भरने पर जोर दिया तो उसे पीटा गया। उसने बताया कि ऊंची जाति के लोग टैंकर के पानी को टंकी में भरने के खिलाफ थे क्योंकि वह मानते थे कि टैंकर के पानी पर दलित जातियों का अधिकार नहीं है।

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