राजा और उनके राज्य | प्रश्न – उत्तर कक्षा 7 NCERT

पाठ 2- राजा और उनके राज्य

कक्षा 7 NCERT - अभ्यास कार्य

1. निम्नलिखित में जोड़े बनाओ:

गुर्जर-प्रतिहार पश्चिमी दक्कन
राष्ट्रकूट बंगाल
पाल गुजरात और राजस्थान
चोल तमिलनाडु

उत्तर:

गुर्जर-प्रतिहार गुजरात और राजस्थान
राष्ट्रकूट पश्चिमी दक्कन
पाल बंगाल
चोल तमिलनाडु

2. 'त्रिपक्षीय संघर्ष' के तीनों पक्ष कौन से थे?

उत्तर: गुर्जर प्रतिहार, राष्ट्रकूट, पाल वंशों के शासक ‘त्रिपक्षीय संघर्ष’ में लगे तीन पक्ष हैं। यह शासक सदियों तक कन्नौज के ऊपर नियंत्रण को लेकर आपस में लड़ते रहे। तीन पक्षों की इस लड़ाई के कारण ही इतिहासकारों ने इसकी चर्चा त्रिपक्षीय संघर्ष के रूप में की है।

3. चोल साम्राज्य में सभा की किसी समिति का सदस्य बनने के लिए आवश्यक शर्तें क्या थीं?

उत्तर: चोल साम्राज्य में सभा की किसी समिति का सदस्य बनने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें निम्नलिखित है:

  • व्यक्ति के पास अपनी स्वयं की भूमि होनी चाहिए जिससे वह भू राजस्व एकत्र करता है तथा उसके पास अपना घर भी होना चाहिए।
  • व्यक्ति की आयु लगभग 35 से 70 वर्ष के बीच ही होनी चाहिए।
  • व्यक्ति को वेदों का ज्ञान होना चाहिए।
  • व्यक्ति ईमानदार होना चाहिए।
  • कोई भी व्यक्ति जो पिछले तीन वर्षों से किसी समिति का सदस्य रहा हो वह किसी अन्य समिति सदस्य नहीं बन सकता है।

4. चाहमानों के नियंत्रण में आनेवाले दो प्रमुख नगर कौन-से थे?

उत्तर: चाहमानों के नियंत्रण में आनेवाले दो प्रमुख नगर दिल्ली और अजमेर थे।

5. राष्ट्रकूट शक्तिशाली कैसे बने?

उत्तर: नए राजवंशों ने स्वीकृति हासिल करने के लिए कई युद्ध और अनुष्ठान किया। अधिक सत्ता और संपदा हासिल करने पर इन्हें सामंत कहा जाने लगा तथा इसके बाद इन्होंने अपने आप को महा सामंत घोषित कर दिया। अपनी शक्ति दिखाने के लिए इन्होंने कई युद्धों में भी भाग लिया।

6. नये राजवंशों ने स्वीकृति हासिल करने के लिए क्या किया?

उत्तर: नए राजवंशों ने स्वीकृति हासिल करने के लिए कई युद्ध और अनुष्ठान किया। अधिक सत्ता और संपदा हासिल करने पर इन्हें सामंत कहा जाने लगा तथा इसके बाद इन्होंने अपने आप को महा सामंत घोषित कर दिया। अपनी शक्ति दिखाने के लिए इन्होंने कई युद्धों में भी भाग लिया।

7. तमिल क्षेत्र में किस तरह की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ?

उत्तर: तमिलनाडु के दूसरे हिस्सों में कृषि का विकास पहले ही हो चुका था लेकिन पांचवी और छठी सदी में आकर इस इलाके में बड़े पैमाने में खेती शुरू हो गई। कुछ इलाकों में जंगलों को साफ किया गया और जमीन को खेती के लिए समतल किया गया। सिंचाई के लिए कृत्रिम रूप से कई पद्धतियां बनाई गई। इसमें कई इलाकों में कुएं खोदे गए तथा कुछ जगहों पर बारिश के पानी को इकठ्ठा करने के लिए विशाल सरोवर बनाए गए।

8. चोल मंदिरों के साथ जुड़ी गतिविधियाँ कौन सी थीं?

उत्तर: चोल मंदिर शिल्प उत्पादन के केंद्र थे और अपने आसपास विकसित होने वाली बस्तियों के केंद्र बन गए। यह मंदिर शासको तथा अन्य लोगों द्वारा दी गई भूमि से संपन्न थे जिसकी उपज उन सारे लोगों का निर्वाह करने में खर्च होती थी जो मंदिर के आसपास रहते थे या उसके लिए काम करते थे जैसे पुरोहित, मालाकार, बावर्ची, मेहतर, संगीतकार इत्यादि। यह मंदिर सिर्फ पूजा आराधना के स्थान ही नहीं थे बल्कि वह आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के केंद्र भी थे।

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