एकबीजपत्री तथा द्विबीजपत्री जड़ों की आन्तरिक रचना में कई अन्तर होता है। एकबीजपत्री जड़ें मक्का तथा orchid जैसे पौधों में पाई जाती हैं। वहीं द्विबीजपत्री जड़ें चने, मटर तथा रैननकुलस जैसे पौधों में पाई जाती हैं। आइए जानते हैं इन दोनों के बीच में क्या अन्तर है:
एकबीजपत्री तथा द्विबीजपत्री जड़ों की आन्तरिक रचना में अन्तर (Differences Between Monocotyledonous and Dicotyledonous Roots)
विवरण | एकबीजपत्री जड़ (Monocot root) | द्विबीजपत्री जड़ (Dicot root) |
1. संवहन बण्डल (Vascular bundles) | इसमें संवहन बण्डल की संख्या प्रायः 6 से अधिक (polyarch) होती है। कुछ में यह संख्या में कम भी हो सकते हैं। | इनकी संख्या प्रायः 2 से 6 तक (di to hexarch) होती है। कुछ में इससे अधिक भी हो सकते हैं। |
2. एधा (Cambium) | इसमें यह अनुपस्थित होता है। | यह द्वितीयक वृद्धि के समय उत्पन्न हो जाती है। |
3. पिथ (Pith) | पिथ पूर्णतः विकसित होता है। | यह अल्पविकसित अथवा अनुपस्थित होती है। |
4. द्वितीयक वृद्धि (Secondary growth) | नहीं होती है। | इनमें द्वितीयक वृद्धि होती है। |
5. परिरम्भ (Pericycle) | यह केवल पार्श्व मूलों को ही बनाती है। | यह पार्श्व मूलों (lateral roots) और द्वितीयक विभज्योतक (secondary meristem) बनाती है। |
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