बुद्धि (Intelligence) का अर्थ, परिभाषा, विशेषता, तथा प्रकार

दैनिक जीवन में बुद्धि (Intelligence) एक सामान्य शब्द है। बुद्धि को सामान्यतः सोचने-समझने और सीखने एवं निर्णय करने की शक्ति के रुप में देखा व समझा जाता है, परन्तु वास्तव में बुद्धि (Intelligence) इससे कुछ अधिक होती है। सभी व्यक्त्ति समान नहीं होते हैं। उनमे परस्पर भिन्नता के कई कारण होते हैं, जिनमें बुद्धि महत्वपूर्ण कारक हैं। बालक की मानसिक योग्यता पर उसकी बुद्धि का प्रभाव पड़ता है। मानसिक विकास के लिए उसकी मानसिक क्षमता तथा बौद्धिक स्तर को जानना आवश्यक है।

बुद्धि (Intelligence) का अर्थ, परिभाषा, विशेषता, तथा प्रकार

बुद्धि का अर्थ

बुद्धि (Intelligence) एक सामान्य योग्यता है, जिसके द्वारा वह सोचने-समझने में सक्षम होता है तथा भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में व्यवहार को अनुकूलित करता है। ‘बुद्धि’ शब्द अंग्रेजी शब्द Intelligence का हिन्दी रुपान्तर है। जिसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा के intellegere शब्द से हुई है जिसका अर्थ है understanding।

अत: मनोवैज्ञानिकों का मत है – 

परिभाषाएँ

मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि के अर्थ को और स्पष्ट करने के लिए कई प्रकार की परिभाषाएँ दी हैं जो इस प्रकार हैं। पाश्चात्य मनोवैज्ञानिक फ्रीमैन ने बुद्धि सम्बंधी इन विभिन्न मतों को चार वर्गों में विभाजित किया है –

1. बुद्धि सीखने की योग्यता है

कुछ मनोवैज्ञानिक जैसे वुडवर्थ, गाल्टन, डीयरबोर्न इत्यादि ने बुद्धि (Intelligence) को बुद्धिमान की योग्यता माना होता है है। जो व्यक्ति जितना उसकी किसी नए तथ्य को ग्रहण करने या सीखने की योग्यता उतनी ही अच्छी होगी।

बंकिधम के अनुसार

” बुद्धि सीखने की योग्यता है। “

वुडरो के अनुसार –

“बुद्धि, ज्ञान का अर्जन करने की क्षमता है।”

डीयरबार्न के अनुसार –

“बुद्धि, सीखने या अनुभव से लाभ उठाने की क्षमता है।”

2. बुद्धि पर्यावरण के साथ समायोजन की योग्यता है

इसके अनुसार जो व्यक्ति अपनी नई परिस्थितियों में जितनी शीघ्रता के साथ समायोजन कर लेता है वह उतना ही अधिक बुद्धिमान होता है। इस बात का समर्थन स्टेन, बर्ट, पिन्टतर आदि मनोवैज्ञानिकों ने किया।

स्टर्न के अनुसार –

“बुद्धि एक सामान्य योग्यता है जिसके द्वारा व्यक्ति नई परिस्थितियों में अपने विचारों को जानबूझ कर समायोजित करता है।”

क्रूज के अनुसार

“बुद्धि नवीन और विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में उचित प्रकार से समायोजन करने की योग्यता है।”

3. बुद्धि अमूर्त चिन्तन की योग्यता है

इसके अनुसार जिस मनुष्य में सोचने – समझने और सही निर्णय लेने की जितनी अधिक योग्यता होती है वह उतना ही अधिक बुद्धिमान होता है। बिने, टरमैन तथा स्पीयरमैन ने इस बात का समर्थन किया।

स्पीयरमैन के अनुसार –

” बुद्धि अमूर्त चिन्तन की योग्यता है।”

बिने के अनुसार

” बुद्धि उचित प्रकार से सोचने, सही निर्णय लेने और आत्मसमालोचना करने की क्षमता है।”

4. अनेक योग्यताओं का समुच्चय

वैशलर (Wechsler) के अनुसार –

“बुद्धि व्यक्ति की उद्‌देश्यपूर्ण ढंग से कार्य करने, विवेकपूर्ण ढंग से चिन्तन करने और अपने पर्यावरण के साथ प्रभावशाली ढंग से सामंजस्य करने की सम्पूर्ण अथवा व्यापक योग्यता है।”

इस परिभाषाओं से स्पष्ट है कि पूर्व के अनुभवों का प्रयोग नवीन परिस्थितियों यो समायोजन व उसे समझना ही बुद्धि है। उद्देश्यपूर्णता विवेकपूर्णता, सामन्जस्पूर्णता, जब ये तीनों चीजे होती है तो पर्फेक्शन होता है।

बुद्धि (Intelligence) की विशेषताएँ

बुद्धि एक सामान्य योग्यता है। इस योग्यता के व्यक्ति अपने को तथा दूसरे को समझता है। सत्य है कि सामाजिक व वैयक्तिक परिवेश में अन्तः क्रियात्मक गतिशीलता तथा क्षमता का नाम बुद्धि है। बुद्धि की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

  1. बुद्धि, व्यक्ति को विभिन्न बातों को सीखने में सहायता देती है। 
  2. व्यक्ति को अमूर्त चिन्तन की योग्यता प्रदान करती है।
  3. यह व्यक्ति की जन्मजात शक्ति है।
  4. यह पूर्व अनुभवों एवं पूर्व अर्जित ज्ञान से लाभ उठाने की योग्यता है।
  5. यह व्यक्ति की कठिन परिस्थितियों एवं जटिल समस्याओं को सरल बनाती है।
  6. बुद्धि (Intelligence) अनेक योग्यताओं का समुच्चय है।
  7. बुद्धि पर्यावरण के साथ समायोजन की योग्यता है।
  8. बुद्धि पर वंशानुक्रम् और वातावरण का प्रभाव पड़ता है।
  9. यह व्यक्ति को भले व बुरे, नैतिक-अनैतिक कार्यों में अंतर करने की योग्यता देती है।

प्रिन्टर (Printer) के अनुसार –

“बुद्धि का विकास जन्म से लेकर किशोरावस्था के मध्यकाल तक होता है।”

कोल (cole) व ब्रूस (Bruce)

“लिंग -भेद के कारण बालकों व बालिकाओं की बुद्धि में बहुत ही कम अन्तर होता है।”

बुद्धि (Intelligence) के प्रकार

बुद्धि (Intelligence) का विभाजन करना एक कठिन कार्य है। बुद्धि तो वह क्षमता है जिसका उपयोग व्यक्ति विभिन्न परिस्थितियों में करता है। इस आधार पर मनोवैज्ञानिक थार्नडाइक ने बुद्धि के 3 प्रकार बताए थे –

  1. अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence)
  2. सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence)
  3. यांत्रिक बुद्धि (Mechanical Intelligence)

1. अमूर्त बुद्धि

अमूर्त बुद्धि ज्ञानोपार्जन के लिए प्रयोग की जाती है। यह मनुष्य की अमूर्त चिन्तन-मनन व समस्या – समाधान में सहायक होती है। जिनमें ये बुद्धि होती है वे पुस्तक अध्ययन व चिन्तन-मनन में अधिक रुचि लेते हैं। अतः एसे व्यक्ति अच्छे डॉक्टर, वकील, मैकेनिक, इंजीनियर, साहित्यकार आदि बनते हैं।

2. सामाजिक बुद्धि

इस बुद्धि द्वारा व्यक्ति समाज में समायोजन है। विभिन्न व्यवसायों में सफलता प्राप्त करता है। ऐसी बुद्धि के बालक आगे चलकर अच्छे व्यवसायी, समाज सेवक एवं राजनेता बनते हैं।

3. यांत्रिक बुद्धि

इस बुद्धि की सहायता से व्यक्ति व भौतिक वस्तुओं का परिचालन करता है। ऐसे व्याक्त्त इंजीनियर, मैकेनिक, तकनीशियन आदि होते हैं।

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