Human Digestion: मनुष्य तथा स्तनियों में कशेरुकी जन्तुओं की अपेक्षा पाचन तन्त्र (digestive system) विशेषकर, इसकी आहारनाल (alimentary canal) अधिक लम्बी तथा जटिल प्रणाली होती है। मनुष्य के पाचन तन्त्र में निम्नलिखित दो प्रकार के प्रमुख भाग होते हैं:
- आहारनाल (alimentary canal)
- सम्बन्धित पाचक ग्रन्थियाँ (related digestive glands)
नीचे मानव में पाचन और अवशोषण पर कुछ प्रश्न उत्तर दिए गए हैं जो आने वाली आपकी परीक्षाओं में आपकी सहायता करेंगे :
Ans. कार्बोहाइड्रेट्स तथा वसा
Ans. जल में घुलनशील विटामिन के नाम हैं विटामिन B₁, विटामिन B₂, विटामिन B5 तथा विटामिन C तथा वसा में घुलनशील विटामिन के नाम हैं विटामिन A (रेटिनॉल) तथा विटामिन D (कैल्सीफेरॉल)।
Ans. पैराइटल (आक्सिन्टिक कोशिकाएँ)
Ans. विटामिन E
Ans. हाइपोथैलेमस में
Ans. आँतीय रस का
Ans. चोट लगने पर रुधिर का थक्का जमाने के लिए विटामिन K आवश्यक होता है।
Ans. मनुष्य में रतौंधी विटामिन A की कमी से घेंघा रोग आयोडीन की कमी से होता हैं। रतौंधी में व्यक्ति को रात के समय ठीक से दिखाई नहीं देता हैं तथा घेंघा रोग में व्यक्ति गला फूल जाता हैं।
Ans. भोजन को कुतरने में।
Ans. यह प्रोटीन को प्रोटिओसेज तथा पेप्टोन्स में अपघटित करने का काम करता है।
Ans. विभिन्न खाद्य पदार्थों के मिश्रण से बने उसे आहार को जो हमारे शरीर को सभी पौष्टिक तत्व हमारे शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार उचित मात्रा में प्रदान करता है संतुलित आहार कहलाता है।
Ans. अग्न्याशय निष्क्रिय हो जाने से इन्सुलिन स्रावण रुक जाएगा जिससे ग्लूकोज, ग्लाइकोजन में परिवर्तित नहीं होगा और रुधिर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जायेगा।
Ans. पेलाग्रा नामक बीमारी विटामिन B5 की कमी से होती है। इस बीमारी में व्यक्ति की जीभ व त्वचा पर दाने और पपड़ियों पड़ जाती हैं, पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है तथा तन्त्रिका तन्त्र भी क्षीण हो जाती है।
Ans. ऊपरी जबड़ा/ निचला जबड़ा ×2
i 2/2, c 1/1, pm 0/0, m 2/2 = 5/5×2 = 10/10=20
Ans. कृन्तक ऊपरी व निचली जबड़ों में आगे की ओर पाए जाते हैं। यह नुकीले जैसे होते हैं। यह भोजन को कुतरने का काम करते हैं।
Ans. पेप्सिन प्रोटीन अणुओं को Proteases तथा Peptones में अपघटित करके प्रोटीन का पाचन करता है
Ans. रोटी को चबाने पर उसमें लार मिल जाती है जो हमारी लार ग्रन्थियों से स्त्रावित होती है। लार में टायलिन उपस्थित होता है जो जटिल मण्ड को शर्करा में तोड़ देता है। जिस कारण रोटी चबाने पर मीठी लगती है।
Ans. यह दूध के पाचन में सहायता करता है।
Ans. आर्किडोनिक अम्ल तथा लिनोलेनिक अम्ल
Ans. i 2/2, c 1/1, pm 2/2, m 3/3
= 8/8 x 2 = 32
Ans. कब्ज में व्यक्ति को मल त्यागने में अवरोध व अनियमितता होती है जबकि अपच में भोजन का पूर्ण पाचन नहीं हो पाता है। जिससे पेट भरा-सा लगता है।
Ans. होलोफाइटिक पोषण: यह पौधों में होने वाला पोषण है। इसमें CO₂, जल तथा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरोफिल की सहायता से भोजन का निर्माण किया जाता है। इसमें भोजन ग्लूकोज के रूप में संश्लेषित रहता हैं। सभी हरे पौधों में होलोफाइटिक पोषण पाया जाता है।
होलोजोइक पोषण: यह जन्तु-सम पोषण होता है। इसमें जीव पहले से बने खाद्य पदार्थों से पोषण प्राप्त करने हैं।
Ans. स्तनधारी में दुग्ध शर्करा लैक्टोस के रूप में रहती है जिसमें ग्लूकोस एवं गैलेक्टोस के एक-एक अणु पाए जाते हैं।