रहीम के दोहे – Class 7 NCERT Solution

NCERT कक्षा 7 की हिंदी पाठ्य पुस्तक "वसंत भाग 2"

पाठ - 8 रहीम के दोहे

- अभ्यास कार्य

NCERT की कक्षा 7 की हिंदी विषय की किताब “वसंत भाग 2” के सभी पाठों की कहानियों तथा कविताओं के अभ्यास कार्यों का वर्णन करेंगे और उसके प्रश्नों का उत्तर देंगे।

हम “रहीम के दोहे” पाठ का अध्ययन करने के बाद इससे सम्बंधित कुछ प्रश्नों को निकालेंगे और उनके उत्तर का वर्णन करेंगे।

रहीम के दोहे - प्रश्न-अभ्यास NCERT

दोहे से

1. पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करनेवाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग अलग लिखिए।  
उत्तर- उदाहरण वाले दोहे 
तरवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान। कहि रहीम परकाज हित, संपति-संचहि सुजान।।
 
थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात। धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात ।। 
 
धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह। जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह।।
 
कथन वाले दोहे
 
कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत। बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत।।
 
जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह। रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।।
2. रहीम ने क्वार के मास में गरजनेवाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजनेवाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर- दोहे के आधार पर जिस प्रकार क्वार के मास में गरजनेवाले बादल केवल गरजते हैं, बरसते नहीं हैं ठीक उसी प्रकार जो पहले कभी धनी थे और अपनी बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं, वह व्यर्थ में ही बड़बड़ाकर रह जाते हैं। ऐसे व्यक्ति व्यर्थ में संपन्न होने का दिखावा करते है जबकि सावन के बादल गरजने के साथ बरसते भी हैं और लोगों को तृप्त करते हैं।

दोहों से आगे

नीचे दिए गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो उनके क्या लाभ होंगे? सोचिए और लिखिए-
 
(क) तरुवर फल…..सचहिं सुजान।।
 
(ख) धरती की सी ….यह देह।।
उत्तर- (क) इस दोहे को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो हमारे मन से लोभ की भावना नष्ट हो जाएगी और हम परोपकार की ओर अग्रसर होंगे जिससे हमारा मनुष्य जीवन भी सार्थक होगा।
 
(ख) इससे हमारे जीवन में सहनशीलता की भावना का जन्म होगा। जब हम धरती के समान सुख और दुःख दोनों को ही सहजता से लेने लगेंगे तभी हमारा जीवन यापन सरल हो पाएगा।

भाषा की बात

1. निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित हिंदी रूप लिखिए-
 
जैसे- परे-पड़े (रे, ड़े)
 
बिपति, मछरी, बादर, सीत

उत्तर-

शब्द शब्दों के प्रचलित हिंदी रूप
बिपति विपत्ति
मछरीमछली 
बादरबादल
सीतशीत

2. नीचे दिए उदाहरण पढ़िए-
 
(क) बनत बहत बह रीत।
(ख) जाल परे जल जात बहि।
 
उपर्युक्त उदाहरणों की पहली पंक्ति में ‘ब’ का प्रयोग कई बार किया गया है और दूसरी में ‘ज’ का प्रयोग। इस प्रकार बार-बार एक ध्वनि के आने से भाषा की सुंदरता बढ़ जाती है। वाक्य रचना की इस विशेषता के अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर- चारु चंद्र की चंचल किरणें।

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