B.Ed. Sem 3- Unit 1 notes
B. Ed. के द्वि-वर्षीय पाठ्यक्रम के तृतीय सेमेस्टर के विषय शिक्षा में मापन तथा मूल्यांकन (Measurement and Evaluation in Education) के सभी Unit के कुछ महत्वपुर्ण प्रश्नों का वर्णन यहाँ किया गया है।
मापन एवं मूल्यांकन में अन्तर (Difference between Measurement and Evaluation)
मापन प्रदत्तों को मात्रात्मक रूप में परिवर्तित करने वाली एक प्रक्रिया है जबकि मूल्यांकन मापन से थोड़ा अलग है। मूल्यांकन के द्वारा यह निर्णय लिया जा सकता है कि कोई वस्तु बुरी है या अच्छी। मनोविज्ञान एवं शिक्षा दोनों में मापन एवं मूल्यांकन का प्रयोग किया जाता है। कुछ विद्वान दोनों में अन्तर नहीं मानते हैं। उनके अनुसार मापन मूल्यांकन का ही अंग है। फिर भी दोनों में अन्तर को निम्न बातों के विवरण से स्पष्ट किया जा सकता है-
मापन | मूल्यांकन |
मापन के परिणाम वस्तुनिष्ठ होते हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी दिन 2 इंच वर्षा होती है तो यह मापन होगा। इस प्रकार मापन में वस्तु या विषय-वस्तु के प्रति निष्ठावान होंगे। |
मूल्यांकन के परिणाम विषयगत होते हैं। उदाहरण के लिए किसी यात्री के लिए जिसके पास छाता नहीं है इस वर्षा का मूल्यांकन खराब होगा तथा कोई किसान जिसका खेत वर्षा के अभाव में सूख रहा है उसके लिए यह वर्षा अच्छी होगी। इस प्रकार मूल्यांकन में लोग अपने-अपने विषयगत विचारों के आधार पर निर्णय देते हैं। |
मापन का सम्बन्ध संख्या से होता है जैसे यदि कोई छात्र किसी विषय में 100 में से 70 अंक प्राप्त करता है तो इस अंक का सम्बन्ध मापन से होगा। | मूल्यांकन का सम्बन्ध गुणों से होता है मापन के उदाहरण से: यदि यह कहा जाय कि अमुक छात्र ने प्रथम श्रेणी के अंक प्राप्त किये हैं तब यह मूल्यांकन होगा। |
मापन में किसी विशेष गुण का मापन होता है। | मूल्यांकन में व्यक्तित्व के सभी गुणों का मापन होता है। |
मापन में ऐसे परीक्षणों (Tests) का प्रयोग होता है जो सही परिणाम देते हैं। | मूल्यांकन में आत्मगत विधियों (Subjective methods) जैसे साक्षात्कार (Interview) तथा निरीक्षण (Observation) आदि का प्रयोग होता है। |
मापन का सम्बन्ध केवल व्यक्ति विशेष से होता है। | मूल्यांकन का सम्बन्ध व्यक्ति एवं समाज दोनों से होता है। |
मापन का क्षेत्र सीमित होता है। | मूल्यांकन का क्षेत्र विस्तृत होता है। |
मापन में समय कम लगता है। | मूल्यांकन में मापन से ज्यादा समय लगता है। |
मापन में धन का व्यय कम होता है। | मूल्यांकन में धन का व्यय अधिक होता है। |
मापन का सम्बन्ध विज्ञान से होता है। | मूल्यांकन का संबंध दर्शन से होता है। |
मापन के अन्तर्गत मनुष्य की योग्यताओं को अलग-अलग भागों में बाँट कर अध्ययन किया जाता है। | मूल्यांकन के अन्तर्गत मनुष्य की योग्यताओं एवं व्यवहार का समग्र रूप में अध्ययन किया जाता है। |
उपरोक्त बातों से स्पष्ट होता है कि मापन एवं मूल्यांकन दोनों में अन्तर होता है लेकिन इन दोनों का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक है। इन दोनों के सहयोग से ही किसी कार्यक्रम की क्रियाओं के प्रभाव को निश्चित किया जाता है।