B.Ed. Sem 4- Unit 1 notes
गोखले बिल (Gokhle Bill, 1910) का विरोध
गोखले बिल के विरोध में सरकार का तर्क
- यह बिल समय से पूर्व अनावश्यक है
- अनिवार्यता का सिद्धान्त शिक्षा सिद्धान्त के प्रतिकूल है
- प्रान्तीय जनमत स्वयं अनिवार्यता के पक्ष में नहीं है
- प्रान्तीय सरकारें भी अनिवार्य शिक्षा के विरुद्ध हैं
- स्थानीय संस्थायें अनिवार्य शिक्षा के विरुद्ध हैं
- सरकार के समक्ष प्रशासन सम्बन्धी अनेक अड़चनें आयेंगी।
गोखले बिल का प्रभाव
गोखले के बिल से प्रभावित होकर भारत सरकार ने प्रान्तीय सरकारों को प्राथमिक शिक्षा की ओर ध्यान देने के लिए आदेश दिया जिसके परिणामस्वरूप देश के विभिन्न प्रान्तों में प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने के लिए “अनिवार्य शिक्षा अधिनियम” बनाये गये और तदनुकूल सभी बड़े प्रान्तों में प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य कर दी गयी। शिक्षित वर्ग एवं राजनीतिक दलों पर भी गोखले के बिल का व्यापक प्रभाव पड़ा जिसके कारण उन्होंने अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के प्रसार में रुचि ली। यद्यपि गोखले के बिल को सरकार ने अस्वीकार कर दिया लेकिन सरकार को अपनी शिक्षा नीति पर फिर से विचार करना पड़ा।
सरकार ने 1913 ई. में अपने शिक्षा-नीति सम्बन्धी सरकारी प्रस्ताव में अपनी नीति में आमूलचूल परिवर्तन करके शिक्षा के प्राथमिक तथा अन्य अंगों में सुधार करने की सिफारिश की। इसके परिणामस्वरूप ही देश के सभी प्रान्तों में स्थानीय संस्थाओं द्वारा प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण हुआ।