सांस सांस में बाँस – Class 6 NCERT Solution

NCERT कक्षा 6 की हिंदी पाठ्य पुस्तक "वसंत भाग 1"

पाठ - 17 सांस सांस में बाँस

- अभ्यास कार्य

NCERT की कक्षा 6 की हिंदी विषय की किताब “वसंत भाग 1” के सभी पाठों की कहानियों तथा कविताओं के अभ्यास कार्यों का वर्णन करेंगे और उसके प्रश्नों का उत्तर देंगे।

हम “सांस सांस में बाँस” पाठ का अध्ययन करने के बाद इससे सम्बंधित कुछ प्रश्नों को निकालेंगे और उनके उत्तर का वर्णन करेंगे।

सांस सांस में बाँस - प्रश्न-अभ्यास NCERT

निबंध से

1. बाँस को बूढ़ा कब कहा जा सकता है? बूढ़े बाँस में कौन सी विशेषता होती है जो युवा बाँस में नहीं पाई जाती? 
उत्तर- 1 से 3 साल तक की उम्र वाले बाँस को बूढ़ा बाँस कहा जा सकता है। बूढ़ा बाँस सख्त होता है इसलिए यह आसानी से टूट जाता है लेकिन युवा बाँस बहुत लचीला होता है या आसानी से नहीं टूटता। 
2. बाँस से बनाई जाने वाली चीज़ों में सबसे आश्चर्यजनक चीज तुम्हें कौन सी लगी और क्यों? 
उत्तर- बाँस से कई तरह की चीजें बनाई जा सकती हैं जैसे चटाई, टोकरी, बर्तन डालिया इत्यादि लेकिन इससे बनी हुई विभिन्न आकृतियों वाली चीज जैसे टेबल लैंप और टोकरियाँ आश्चर्यजनक लगते हैं। बाँस से बत्तख और चिड़िया जैसी टोकरियाँ देखने में बहुत सुंदर लग और सजीव लगते हैं कि विश्वास करना मुश्किल होता है कि यह बाँस से बनी हुई है। 
3. बाँस की बुनाई मानव के इतिहास में कब आरंभ हुई होगी? 
उत्तर- ऐसा माना जाता है कि बाँस की बुनाई मानव इतिहास में तब से आरंभ है जब से मनुष्य ने भोजन इकट्ठा करना शुरू किया। उन्हें उस समय भोजन को इकट्ठा करने के लिए टोकरी की आवश्यकता रही होगी इसके लिए उन्होंने चिड़िया के घोसलों से प्रेरणा प्राप्त करके बाँस द्वारा बुनकर टोकरी बनाई होगी। 
4. बाँस के विभिन्न उपयोगों से संबंधित जानकारी देश के किस भू-भाग के संदर्भ में दी गई है? एटलस में देखो। 
उत्तर- बाँस के विभिन्न उपयोग से संबंधित जानकारी देश के उत्तर पूर्वी स्थान के सात राज्यों के सन्दर्भ में की गई है। यहां पर बाँस का उपयोग बहुत होता है इसमें विशेष तौर पर उत्तर पूर्वी के क्षेत्र नागालैंड की बात की गई है। 

निबंध से आगे

1. बाँस के कई उपयोग इस पाठ में बताए गए हैं। लेकिन बाँस के उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है। नीचे दिए गए शब्दों की मदद से तुम इस दायरे को पहचान सकते हो- 
 
संगीत, मच्छर, फर्नीचर, प्रकाशन, एक नया संदर्भ 
उत्तर- 
 
संगीत- बांस के बने वाद्ययंत्र 
मच्छर– बांस के डंडे 
फर्नीचर– बांस के फर्नीचर 
प्रकाशन- कागज बनाने के लिये 
एक नया संदर्भ– बर्तन बनाने के लिये 
2. इस लेख में दैनिक उपयोग की चीजें बनाने के लिए बाँस का उल्लेख प्राकृतिक संसाधन के रूप में हुआ है। नीचे दिए गए प्राकृतिक संसाधनों से दैनिक उपयोग की कौन-कौन सी चीजें बनाई जाती हैं 
 
प्राकृतिक संसाधन दैनिक उपयोग की वस्तुएँ
चमड़ा
घास के तिनके
पेड़ की छाल
गोबर
मिट्टी 
 
इनमें से किन्हीं एक या दो प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए कोई एक चीज़ बनाने का तरीका अपने शब्दों में लिखो। 
उत्तर- 
 
प्राकृतिक संसाधन दैनिक उपयोग की वस्तुएँ– चमड़ा जूता, चप्पल, बेल्ट 
घास के तिनके–  झाड़ू 
पेड़ की छाल– काग़ज़ 
गोबर– गोबर के उपले 
मिट्टी – खाना बनाने के बर्तन, खिलौने आदि। 
 
मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए मिट्टी को गिला करके उसे चैक पर घूम घूम कर अलग-अलग तरह का आकार देकर बर्तन बनाए जाते हैं।
3. जिन जगहों की साँस में बाँस बसा है, अखबार और टेलीविजन के ज़रिए उन जगहों की कैसी तसवीर तुम्हारे मन में बनती है? 
उत्तर- जिन जगहों की सांस में बस बस है वहां हर जगह दूर-दूर तक वासी बस होगा। वहां के घर तथा उसमें रखे सामना बांस के बने हुए होंगे। 

अनुमान और कल्पना

इस पाठ में कई हिस्से हैं जहाँ किसी काम को करने का तरीका समझाया गया है? जैसे- 
 
छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है या फिर धीरे-धीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है कि वे एक शंकु का आकार ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गुँथी हुई होती हैं। 
 
इस वर्णन को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर अनुमान लगाकर दो। यदि अंदाज़ लगाने में दिक्कत हो तो आपस में बातचीत करके सोचो – 
 
(क) बाँस से बनाए गए शंकु के आकार का जाल छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है? 
उत्तर- बाँस से बनाए गए शंकु के आकार का जाल छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसमें से मछलियां जाल के मुकाबले आसानी से बाहर नहीं निकाल पाती हैं और इनके छिद्रों से पानी आसानी से बाहर निकल जाता है। 
(ख) शंक का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है तो नीचे का हिस्सा कैसा दिखाई देता है? 
उत्तर- शंकु का ऑपरेशन अंडाकार होता है और उसके नीचे का हिस्सा नुकीला होता है जिसे देखने में त्रिभुज के आकार का दिखता है। 
(ग) इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे क्यों चलना पड़ता है? 
उत्तर– इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे धीरे इसलिए चला जाता है क्योंकि इससे मछलियां जाल में फंस जाती हैं। 

शब्दों पर गौर

हाथों की कलाकारी
घनघोर बारिश
बुनाई का सफ़र
आड़ा-तिरछा
डलियानुमा
कहे मुताबिक 
 
इन वाक्यांशों का वाक्यों में प्रयोग करो। 
उत्तर- 
  • हाथों की कलाकारी– कितनी सुन्दर कढ़ाई है तुम्हारी हाथों की कलाकारी का जवाब नहीं।
  • घनघोर बारिश– आज उत्तर प्रदेश में घनघोर बारिश हो रही है। 
  • बुनाई का सफ़र– उसका बुनाई का सफर 5 साल पुराना है।
  • आड़ा-तिरछा– यह चित्र आड़ा-तिरछा क्यों है।
  • डलियानुमा– यह बर्तन डालियानुमा है।
  • कहे मुताबिक– उसे मेरे कहे मुताबिक चलना चाहिए।

व्याकरण

1. ‘बुनावट’ शब्द ‘बुन’ क्रिया में ‘आवट’ प्रत्यय जोड़ने से बनता है। इसी प्रकार नुकीला, दबाव, घिसाई भी मूल शब्द में विभिन्न प्रत्यय जोड़ने से बने हैं। इन चारों शब्दों में प्रत्ययों को पहचानो और उन से तीन-तीन शब्द और बनाओ। इन शब्दों का वाक्यों में भी प्रयोग करो- 
 
बुनावट, नुकीला, दबाव, घिसाई 
उत्तर- 
बुनावट– बुन + आवट : सजावट, बनावट, लिखावट
नुकीला– नुक + ईला : सजीला, नशीला, रंगीला 
दबाव– दब + आव : चुनाव, सुझाव, घिसाव
घिसाई– घिस + आई : पढ़ाई, रुलाई, भलाई 
2. नीचे पाठ से कुछ वाक्य दिए गए हैं- 
 
(क) वहाँ बाँस की चीजें बनाने का चलन भी खूब है। 
 
(ख) हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों का ही जिक्र कर पाए हैं। 
 
(ग) मसलन आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है। 
 
(घ) खपच्चियों से तरह-तरह की टोपियाँ भी बनाई जाती हैं। 
 
रेखांकित शब्दों को ध्यान में रखते हुए इन बातों को अलग ढंग से लिखो। 
उत्तर- 
 
(क) बाँस की चीजें बनाने का चलन वहाँ भी खूब है। 
 
(ख) हम यहाँ जिक्र ही बाँस की एक-दो चीज़ों का कर पाए हैं। 
 
(ग) हरेक गठान से बाँस को काटा जाता है, मसलन आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए। 
 
(घ) तरह-तरह की टोपियाँ भी खपच्चियों से बनाई जाती हैं।
3. तर्जनी हाथ की किस उँगली को कहते हैं? बाकी उँगलियों को क्या कहते हैं? सभी उँगलियों के नाम अपनी भाषा में पता करो और कक्षा में अपने साथियों और शिक्षक को बताओ। 
उत्तर- 
  • अंगुष्ठा- अंगूठा 
  • तर्जनी– अंगूठे के साथ वाली उंगली 
  • मध्यमा– बीच वाली उंगली 
  • अनामिका– अंगुठी पहनने वाली उंगली 
  • कनिष्ठा– छोटी उंगली 
4. अंगुष्ठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा-ये पाँच उँगलियों के नाम हैं। इन्हें पहचान कर सही क्रम में लिखो। 
उत्तर- 
  • अंगुष्ठा– अंगूठा 
  • तर्जनी– अंगूठे के साथ वाली उंगली 
  • मध्यमा– बीच वाली उंगली 
  • अनामिका– अंगुठी पहनने वाली उंगली 
  • कनिष्ठा– छोटी उंगली

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top