NCERT कक्षा 7 की हिंदी पाठ्य पुस्तक "वसंत भाग 2"
पाठ - 3 दीवानों की हस्ती
- अभ्यास कार्य
NCERT की कक्षा 8 की हिंदी विषय की किताब “वसंत (VIII)” के सभी पाठों की कहानियों तथा कविताओं के अभ्यास कार्यों का वर्णन करेंगे और उसके प्रश्नों का उत्तर देंगे।
हम “दीवानों की हस्ती” पाठ का अध्ययन करने के बाद इससे सम्बंधित कुछ प्रश्नों को निकालेंगे और उनके उत्तर का वर्णन करेंगे।
दीवानों की हस्ती - प्रश्न-अभ्यास NCERT
कविता से
1. कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?
उत्तर– कवि ने अपने आने को उल्लास इसलिए कहा है क्योंकि वह जहाँ भी जाते हैं मस्ती का आलम लेकर जाता है। जिससे लोगों के मन प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन जब वह उस स्थान को छोड़ कर आगे चले जाते थे तब उन्हें और वहाँ के लोगों को दुःख होता है। विदाई के क्षणों में उसकी आखों से आँसू बह निकलते हैं।
2. भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
उत्तर– यहाँ भिखमंगाँ की दुनिया से कवि का आशय है कि दुनिया केवल लेना जानती है देना नहीं। कवि ने भी इस दुनिया को प्यार दिया पर इसके बदले में उसे वह प्यार नहीं मिला जिसकी वह आशा करता है। कवि निराश होते हैं और वह यह समझते है कि वह प्यार और खुशियों को लोगों के जीवन में भरने में असफल रहा। दुनिया अभी भी सांसारिक विषयों में उलझी हुई है।
3. कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
उत्तर– मुझे कविता में जीवन के प्रति कवि का दृष्टिकोण अच्छा लगा। कवि कहते है कि सुख-दुःख सभी के एक होते है और उन्हें एक साथ ही इन सुखों और दुखों को भोगना पड़ता है। हमें दोनों परिस्थितियों का सामना समान भाव से करना चाहिए। ऐसी दृष्टिकोण रखनेवाला व्यक्ति ही सुखी रह सकता है।
भाषा की बात
1. संतुष्टि के लिए कवि ने ‘छककर’ ‘जी भरकर’ और ‘खुलकर’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। इसी भाव को व्यक्त करनेवाले कुछ और शब्द सोचकर लिखिए, जैसे-हँसकर, गाकर।
उत्तर-
- खींचकर
- पीकर
- मुस्कराकर
- देकर
- मस्त होकर
- सराबोर होकर


