अन्ध बिन्दु तथा पीत बिन्दु में अन्तर (Differences Between Blind Spot and Yellow Spot)

मानव नेत्र में एक स्थान पर सभी तन्त्रिका कोशिकाओं के ऐक्सॉन मिलकर ऑप्टिक तन्त्रिका बनाते हैं उस स्थान पर संवेदी कोशिकाएँ (रॉड एवं कोन) अनुपस्थित होती हैं। अतः इस स्थान पर प्रतिबिम्ब नहीं बनता है। इसी कारण इसको अन्ध बिन्दु (blind spot) कहते हैं। इस स्थान पर ऑप्टिक तन्त्रिका नेत्रगोलक की दीवार को छेदकर बाहर निकलती है। अन्ध बिन्दु से थोड़ा ऊपर की ओर नेत्र के अक्ष पर एक विशेष संवेदी स्थान होता है जहाँ वस्तु का प्रतिबिम्ब सबसे अधिक स्पष्ट बनता है। इसको एरिया सेन्ट्रेलिस (area centralis) कहते हैं। इस स्थान का रंग पीला होता है। पीत बिन्दु के मध्य में एक गड्ढा-सा होता है जिसको फोविया सेन्ट्रेलिस (fovea centralis) कहते हैं। इस खात में केवल दृष्टि शंकु उपस्थित होते हैं।

अन्ध बिन्दु तथा पीत बिन्दु में अन्तर (Differences Between Blind Spot and Yellow Spot)

अन्ध बिन्दु (Blind Spot) पीत बिन्दु (Yellow Spot) 
1. यह पीत बिन्दु से कुछ दूरी पर स्थित होता है। यह कॉर्निया के केन्द्र के सम्मुख उपस्थित होता है। 
2. इसमें वर्णक नहीं मिलते हैं। इसमें पीला वर्णक मिलता है। 
3. इस स्थान पर ऑप्टिक तन्त्रिका आरम्भ होती है। इस स्थान से कोई ऑप्टिक तन्त्रिका नहीं निकलती है। 
4. इसमें फोविया सेन्ट्रेलिस नहीं मिलती है। फोविया सेन्ट्रेलिस मिलती है। 
5. इसमें दृक् ग्राही नहीं मिलते हैं, अतः ये प्रकाश के प्रति असंवेदी होते हैं। इसमें विजुअल रिसेप्टर मिलते हैं जो प्रकाश के लिए संवेदी होते है। 
6. अन्ध बिन्दु पर प्रतिबिम्ब नहीं बनता है।इस स्थान पर प्रतिबिम्ब बनता है।

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