निबन्धात्मक तथा वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में अन्तर (Difference between Essay Type and Objective Type Tests)

B.Ed. Sem 3- Unit 2 notes

B.Ed. के द्वि-वर्षीय पाठ्यक्रम के तृतीय सेमेस्टर के विषय शिक्षा में मापन तथा मूल्यांकन (Measurement and Evaluation in Education) के सभी Unit के कुछ महत्वपुर्ण प्रश्नों का वर्णन यहाँ किया गया है। 
निबन्धात्मक तथा वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में अन्तर (Difference between Essay Type and Objective Type Tests)

निबन्धात्मक तथा वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में अन्तर (Difference between Essay Type and Objective Type Tests)

निबधात्मक तथा वस्तुनिष्ठ परीक्षा, दोनों प्रकार की परीक्षाओं का उद्देश्य छात्रों शैक्षिक निष्पत्तियों (Educational Achievement) की जाँच करना है किन्तु समान उद्देश्य होने पर दोनों में महत्त्वपूर्ण अन्तर पाये जाते हैं जिन्हें हम विभिन्न विशेषताओं को सामने रखकर निम्न प्रकार से प्रस्तुत कर सकते हैं- 

विशेषताएँ (Characteristics) अनौपचारिक (Essay Type Tests) औपचारिकेत्तर (Objective Type Tests)
1. विषय-वस्तु (Subject Matter) इसमें सीमित विषय-वस्तु का मूल्यांकन होता है। इसमें सम्पूर्ण विषय-वस्तु का मूल्यांकन होता है।
2. प्रश्नों का निर्माण (Preparation of Questions) यह टेस्ट बहुत सरल होता है। यह टेस्ट तुलनात्मक रूप से कठिन होता है।
3. तैयारी का स्वरूप (Nature of Preparation) इसमें साल के अन्त में विषय-वस्तु के केवल महत्त्वपूर्ण तथ्यों का अध्ययन किया जाता है। इसमें सम्पूर्ण वर्ष अध्ययन करके विषय-वस्तु के समस्त पक्षों का अध्ययन किया जाता है।
4. ज्ञान तथा बोध का मापन (Measurement of Knowledge and Understand) इसमें ज्ञान एवं बोध दोनों की परीक्षा हो सकती है किन्तु यह बोध की परीक्षा के लिए अधिक उपयुक्त है। यद्यपि इसमें भी दोनों की परीक्षा सम्भव है किन्तु बोध की तुलना में यह ज्ञान की परीक्षा के लिए अधिक उपयुक्त है।
5. छात्रों के उत्तर (Answers of the Students) इसमें मौखिक उत्तर दिये जा सकते हैं। इस टेस्ट में सही उत्तर को कई विकल्पों में से चुनना होता है।
6. अनुमान की सम्भावना (Possibility of Guess) इसमें अनुमान से उत्तर देने की सम्भावना नहीं होती है। इसमें अनुमान से उत्तर देने की सम्भावना बहुत अधिक रहती है।
7. उत्तरों का अंकन (Scoring of Ansers) इसका अंकन कठिन, आत्मनिष्ठ एवं अविश्वसनीय होता है। इसका अंकन सरल, वस्तुनिष्ठ एवं विश्वसनीय होता है और शीघ्रता से सम्पन्न होता है।

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