मुक्त साहचर्य (Free association): प्रयोग विधि, उद्देश्य, महत्व PDF |B.Ed|Hindi

मुक्त साहचर्य (Free association): प्रयोग विधि, उद्देश्य, महत्व PDF |B.Ed|Hindi

प्रयोग का उ‌द्देश्य

मुक्त साहचर्य की शब्द सूची विधि द्वारा साहचर्य के नियमों का अध्ययन करना

आवश्यक सामग्री

केन्ट – रोजेनफ शीट, विराम घड़ी, पेंसिल, ग्राफ

मुक्त साहचर्य प्रयोग की प्रारम्भिक तैयारी

  1. प्रयोगशाला में प्रकाश की उचित व्यवस्था की गयी।
  2. प्रयोग प्रारम्भ होने से पूर्व यह भी सुनिश्चित किया गया कि
  3. प्रयोगशाला किसी बाह्य बाधा से प्रभावित न हो।
  4. प्रयोज्य या विषयी के बैठने की उचित व्यवस्था की गयी।
  5. विषयी की शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा गया ।
    विषयी को शीट पेपर नहीं दिखाया गया।

निर्देश

  1. विषयी को निर्देश दिया गया कि जब उससे शुरु करने का संकेत दिया जाएगा तो उसे उत्तर देने के लिए तैयार रहना होगा।
  2. प्रयोगकर्ता, विषयी से कुछ शब्द क्रमबद्ध तरीके से कहेगा। प्रत्येक शब्द को सुनकर उसके मन में सबसे जल्दी जो शब्द आए, उसे तुरन्त बोलना होगा।
  3. शब्द बोलने में कुछ सोचना विचारना नहीं है यह भी बताया।
  4. विषयी को यह भी बताया गया कि शब्द को बोलने में कोई झिझक अनुभव न करें। वह शब्द चाहे जैसा भी क्यों न हो।
  5. फिर प्रयोगकर्ता ने विषयी को कई शब्द सुनाए।

विधि

  1. विषयी को सभी आवश्यक निर्देश देने के पश्चात प्रयोग को प्रारम्भ किया गया।
  2. विषयी को तैयार रहने का संकेत दिया गया। उसके बाद पहला शब्द उसको कहा तथा साथ ही विराम घड़ी भी शुरु कर दी गयी।
  3. जब विषयी ने उस शब्द के प्रति अनुक्रिया (response) दिया। तुरन्त विराम घड़ी रोक दी तथा उसके द्वारा लिए गए समय को नोट किया। इसके बाद उससे इस शब्द को बोलने का कारण पूछा। 
  4. इस प्रकार यह प्रक्रिया हर बार की गयी। विषयी को सूची में दिए गए शब्दों को एक-एक करके सुनाया तथा उसके द्वारा दिए अनुक्रिया शब्द (response word) तथा लिए गए समय (Time) को नोट करते गए।
  5. इसके पश्चात् Average Reaction Time की गणना की गयी।

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शैक्षिक महत्व

अध्यापकों के लिए

1. व्यक्तिगत विभिन्नताओं को जानने में सहायक

प्रत्येक छात्र किसी विषय वस्तु को याद रखने के लिए अलग- अलग विधि का प्रयोग करता है। इन विधियों का प्रयोग वे अपनी योग्यता, क्षमता तथा समझने की शक्ति के आधार पर करते हैं। अतः कोई. भी दो छात्र एक समान विधि का प्रयोग नहीं करेंगे, किसी समान शब्द के साहचर्य के लिए। इस प्रकार शिक्षकों के लिए यह प्रयोग बहुत उपयोगी है। इसकी सहायता से वे कक्षा में व्यक्तिगत विभिन्नताओं का पता ला सकते हैं।

2. उपयुक्त्त शिक्षण विधि के चयन में

इस प्रयोग के द्वारा शिक्षक कक्षा में व्यक्तिगत विभिन्नताओं का पता लगा सकते हैं, ये विभिन्नता उनके एप्रोच में है कि वे किसी शब्द या कई शब्दों को कैसे साहचरित करके पढ़ते हैं। इस ज्ञान के आधार पर शिक्षक कक्षा में प्रभावशाली शिक्षण विधि का चयन कर सकते हैं जिससे छात्र बेहतर तरीके से तथा आसानी से कोई भी पाठ्य सामग्री को समझ सकता है।

3. छात्रों की समस्या के समाधान में सहायक

यदि किसी छात्र को शब्दों या तथ्यों को याद करने में को समस्या आती है तो शिक्षक इस प्रयोग के द्वारा उन समस्याओं को जानकर उसके समाधान में भी सहायता कर सकता है। शिक्षकों को, छात्रों को नए तरीके बताने चाहिए जिससे छात्र साहचर्य के द्वारा लम्बे समय तक उन तथ्यों या शब्दों को याद रख सकते हैं।

4. भावना ग्रंथियों का पता लगाने में

इस प्रयोग के द्वारा शिक्षक छात्रों की भावनाओं की प्रकृति का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। यदि छात्र विपरीत उत्तर दे, तो इसका अर्थ है कि छात्र की सोच ऋणात्मक है। यदि उसके उत्तर में समानता व समीपता हो तो इसका अर्थ है कि सकारात्मक सोच रखता है। शिक्षक इस जानकारी के आधार पर छात्रों को सकारात्मकता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकता है।

5. मानसिक रूप से अक्षम छात्रों को समझने में सहायक

छात्रों के नजरिए, मूड, व्यवहार के द्वारा शिक्षक छात्रों की मानस्थिक स्थिति का पता लगा सकता सकते है। एक शिक्षक के लिए यह बहुत आवश्यक है कि उसे अपनी कक्षा के सभी बच्चों की मानसिक दशा का ज्ञान हो तथा उनकी मानसिक स्वास्थ्य का भी ज्ञान हो। छात्रों का सक्रिय रहना, जल्दी से उत्तर देना आदि से शिक्षक उनकी मानसिक स्थिति तथा स्वास्थ्य का अंदाजा ला सकता है।

6. निर्देशन व परामर्श में सहायक

छात्रों द्वारा शब्दों के साहचर्य के तरीके का ज्ञान प्राप्त करके, शिक्षक उनको बेहतर तरीके से शब्दों के साहचर्य की अन्य विधियों को अपनाने के लिए तथा उन्हें नए-नए तरीके बताकर प्रोत्साहित कर सकते हैं तथा निर्देशन भी दे सकते हैं।

छात्रों के लिए

1. विषयों के चयन में सहायक

इस प्रयोग के द्वारा छात्र अपने साहचर्य के तरीकों का मूल्यांकन कर सकते हैं। छात्र अपनी रुचि, योग्यता तथा साहचर्य के तरीके के आधार पर शिक्षक व अभिभावकों के परामर्श अनुसार उपयुक्त विषयों का चयन कर सकता हैं। इससे वे भविष्य में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

2. उपयुक्त अध्ययन विधि के चयन में सहायक

इस प्रयोग के द्वारा छात्र अपनी कमियों को जानकर उपयुक्त अध्ययन विधि का चयन करने में सहायक व सक्षम हो जा जाते हैं। इस प्रयोग के द्वारा छात्रों को कई साहचर्य की विधियों का ज्ञान होता है। इसमें से वे स्वयं के लिए उपयुक्त अध्ययन विधि का चुनाव करके अपने अधिगम को और बेहतर बना सकते हैं।

3. उपलब्धि स्तर में सुधार में सहायक

प्रयोग के द्वारा विचारों के साहचर्य का ज्ञान प्राप्त करके, वो भी अधिगम की उपयुक्त विधि को अपनाकर, एक छात्र अपनी स्मृति स्तर को भी सुधार सकता है। जिसके कारण छात्रों को उनके उपलब्धि स्तर को सुधारने में सहायता मिलती है।

4. व्यवसाय के चयन में सहायक

इस प्रयोग के द्वारा छात्र अपने स्मृति स्तर को सुधार सकता है। उसे विचारों के साहचर्य का ज्ञान हो जाता है जिससे उन्हे अपने लिए भविष्य में उपयुक्त व्यवसाय के चयन में सहायता मिलती है।

अभिभावकों के लिए

बालकों को स्वस्थ व अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना

यह प्रयोग अभिभावकों की सहायता करता है, कि उनके बच्चों को सीखने के दौरान कौन-कौन सी कठिनाईयाँ व समस्याएँ आ रही हैं। वे अपने बच्चों को एक स्वस्थ या अनुकूल वातावरण उपलब्ध करवा सकते हैं। इससे उनके बच्चे प्रोत्साहित होंगे। अभिभावक उनको उपयुक्त विधि से याद करने के लिए किसी तथ्य, दिन, या नई वस्तु आदि से, छात्रों को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

सुझाव

  1. विषयी अपने स्मृति स्तर को और बेहतर बनाने के लिए सीखने की नई विधियों का प्रयोग कर सकती है।
  2. विषयी साहचर्य की अन्य विधियों व नियमों के द्वारा अपने ज्ञान को दृढ़ बना सकती है।
  3. विषयी अपनी सीखने की क्षमता तथा अपनी रुचियों के आधार पर निम्न विषयों जैसे- गणित, हिन्दी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान आदि को चुन सकती है।
  4. विषयी अपनी योग्यताओं व क्षमताओं के आधार पर निम्न व्यवसाय शिक्षण कार्य, लेखक, शोधकर्ता आदि चुन सकती है।

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