B.Ed. Sem 4 notes- मध्यकालीन भारत में शिक्षा के क्या उद्देश्य है?

B.Ed. Sem 4- Unit 1 notes

B. Ed. के द्वि-वर्षीय पाठ्यक्रम के चतुर्थ सेमेस्टर के विषय समकालीन भारत एवं शिक्षा (Contemporary India and Education) के सभी Unit के कुछ महत्वपुर्ण प्रश्नों का वर्णन यहाँ किया गया है। 

मध्यकालीन भारत में शिक्षा के उद्देश्य: 

मध्यकालीन शिक्षा का कोई एक उद्देश्य नहीं था, बल्कि इसके उद्देश्यों में विभिन्नता पाई जाती है। इसका मुख्य कारण यह था कि इस काल में जितने भी शासक हुए सबकी महत्त्वाकांक्षाएँ एक-सी नहीं थीं, सबकी परिस्थितियों और समस्याओं में भी भिन्नता थी इसलिए उन्होंने हिन्दू मन्दिरों तथा शिक्षा संस्थाओं को नष्ट किया। इस युग की शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं- 
 
  • इस्लाम धर्म का प्रचार- मध्य काल की शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य इस्लाम धर्म का प्रचार था। मुस्लिम शासकों की यह मानना था कि शिक्षा धर्म-प्रचार का साधन है और धार्मिक भावना से प्रेरित होकर ही उन्होंने भारत में शिक्षा को संरक्षण प्रदान किया। चूँकि मुसलमानों में धार्मिक कट्टरता बड़ी प्रबल थी इसलिए उन्होंने हिन्दू मन्दिरों तथा शिक्षा संस्थाओं को नष्ट कर डाला। 
  • ज्ञान का प्रकाश फैलाना- इस्लाम धर्म के प्रवर्त्तक हजरत मुहम्मद साहब यह मानते थे कि ‘ज्ञान अमृत है’ और धर्म का पालन करने के लिए ज्ञान का प्रसार करना अत्यन्त आवश्यक है। अतः इस काल में शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान का प्रकाश फैलाना भी था। 
  • नैतिकता का विकास- मुस्लिम आक्रमणकारी अपने धर्म और संस्कृति के अनुसार जिन नैतिक भावनाओं को भारत लाये थे वे उसे भारतीय शिक्षा के माध्यम से प्रसारित करना चाहते थे। इस प्रकार शिक्षा का एक उद्देश्य मुस्लिम नैतिकता का विकास करना भी था। 
मध्यकालीन भारत में शिक्षा के क्या उद्देश्य है?| B.Ed. Sem 4
  • सांसारिक ऐश्वर्य की प्राप्ति- इस्लामी शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को भौतिक या सांसारिक ऐश्वर्य की प्राप्ति में मदद करना था। इस्लामी शिक्षा में रुचि जागृत करने के लिए उच्च पद, सम्मान और अन्य प्रलोभन आदि दिये जाते थे। इसी कारण अनेक हिन्दुओं ने इस्लाम की शिक्षा में रुचि लेना प्रारम्भ कर दिया। 
  • मुस्लिम संस्कृति का प्रसार- मध्यकालीन शिक्षा का एक उद्देश्य मुस्लिम संस्कृति का प्रसार करना भी था। इसमें मुस्लिम कानूनों, सिद्धान्तों और सामाजिक मान्यताओं का प्रसार किया जाता था जिससे भारतीय मुस्लिम संस्कृति की ओर आकर्षित होकर उसे ग्रहण कर लें। 
  • राजनीतिक उद्देश्य- इस शिक्षा का एक उद्देश्य राजनीतिक भी था। भारतीय मुस्लिम शासक शिक्षा के माध्यम से यहाँ ऐसी राजनीतिक परिस्थिति उत्पन्न करना चाहते थे जिससे कि वे शासन को सुदृढ़ बना सकें।
  • मुस्लिम श्रेष्ठता की स्थापना- मुस्लिम शिक्षा का एक उद्देश्य यह भी था कि वह भारत के समस्त हिन्दुओं को मुस्लिम सभ्यता, संस्कृति और आदर्शों में इस प्रकार रंग दे ताकि वे अपने आपको भूलकर मुस्लिम श्रेष्ठता को अपना लें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top